बनियापुर : मानव जीवन की सार्थकता इसी में है कि वह दूसरों के काम आये. यदि शक्ति और सामर्थ्य होते हुए भी व्यक्ति दूसरों की सहायता नहीं करता है तो वह पशु के समान है. उक्त बातें अंबिका स्थान आमी से पधारे संत शिववचन जी महाराज ने प्रखंड क्षेत्र के चेतन छपरा मोड़ पर रामचरित मानस नवाह्न पाठ के 49वां वार्षिक अधिवेशन के अंतिम दिन कथा श्रवण को पहुंचे श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही.
महाराज जी ने प्रवचन के दौरान ‘परहित सरिस धर्म नही भाई’ की व्याख्या करते हुए कहा कि अपने लिए ये तो सभी जीते है, पर दूसरों के लिए कितना जिया. इसी से उसके जीवन की उत्कृष्टता का पता चलता है. परोपकार से मानव के अंतःकरण में पवित्रता के संस्कार संचित होते है जो उसे शुभ गति प्रदान करते है.
यज्ञ समिति चेतन छपरा द्वारा आयोजित नवाह पाठ व पूजन-हवन से नौ दिनों तक आसपास का वातावरण भक्तिमय बना रहा. कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बावजूद भी कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए स्थानीय लोगों ने यज्ञ समिति के अध्यक्ष घनश्याम राय, सचिव अवध किशोर सिंह, सच्चिदानंद शर्मा, हरि ठाकुर आदि को धन्यवाद दिया.
