महुआ : प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में फसल की सिंचाई को लेकर करोड़ों रुपये की लागत से लगाये गये नलकूप वर्षों से बंद पड़े हैं. इसे चालू करने की दिशा में संबंधित विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है. वहीं क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों से गुजरी नहरों में भी पानी नहीं आने से क्षेत्र के किसानों को फसल की सिंचाई करने में काफी परेशानी हो रही है. आलम यह है कि किसान अपनी फसलों की सिंचाई पंपिंग सेट मशीन संचालक से 150 से 200 रुपये प्रति घंटा पानी की खरीदारी कर रहे हैं, जिस कारण किसानों को खेती करना काफी घाटे की सौदा साबित होता दिख रहा है.
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नलकूप बंद, नहरें भी सूखीं, किसान चिंतित
महुआ : प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में फसल की सिंचाई को लेकर करोड़ों रुपये की लागत से लगाये गये नलकूप वर्षों से बंद पड़े हैं. इसे चालू करने की दिशा में संबंधित विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है. वहीं क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों से गुजरी नहरों में भी पानी नहीं आने […]
सरकार द्वारा क्या हैं सुविधा: किसानों को फसलों की सिंचाई करने को लेकर क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में करोड़ों रुपये की लागत से नलकूप लगाया गया, लेकिन विभिन्न जगहों पर स्थित नल कूप बंद पड़ा है. जिससे किसानों को परेशानी हो रही है. साथ ही प्रखंड की विभिन्न पंचायतों से होकर गुजरी नहरों में भी पानी नहीं दिया जा रहा है, जिस कारण लोग पानी की खरीदारी कर खेती कर रहे हैं.
क्यों बंद पड़ा है नल कूप: गौसपुर चकमजाजिद, समसपुरा के साथ अन्य पंचायतों में लगाया गया नलकूप में सरकार द्वारा कर्मी तो बहाल किये गये, लेकिन इसे चालू नहीं किया जाता, जिस कारण इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. बताया जाता है कि कहीं पाइप लीक, तो कहीं बिजली की किल्लत के कारण इसे चालू नहीं किया जा रहा है. जबकि हकीकत यह है कि इसे चालू करने वाले कर्मी अपनी ड्यूटी से गायब होकर तनख्वाह उठा लेते हैं. कर्मियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है, जिस कारण किसान परेशान हैं.
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