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बिहार में 3516 करोड़ का होगा निवेश, राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद से 70 नये प्रस्तावों को मंजूरी

राज्य में करीब 3516.09 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इसके लिए शुक्रवार को 70 नये प्रस्तावों को स्टेज-1 क्लियरेंस की सहमति राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की 29 वीं बैठक में दी गयी. यह बैठक विकास आयुक्त, बिहार, की अध्यक्षता में हुई थी. 70 नये प्रस्तावों में इथेनॉल उत्पादन से संबंधित 15 इकाइयां शामिल हैं. इनके माध्यम से करीब 2554.38 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा.

पटना. राज्य में करीब 3516.09 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इसके लिए शुक्रवार को 70 नये प्रस्तावों को स्टेज-1 क्लियरेंस की सहमति राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की 29 वीं बैठक में दी गयी. यह बैठक विकास आयुक्त, बिहार, की अध्यक्षता में हुई थी. 70 नये प्रस्तावों में इथेनॉल उत्पादन से संबंधित 15 इकाइयां शामिल हैं. इनके माध्यम से करीब 2554.38 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा.

ऑक्सीजन उत्पादन से संबंधित पांच इकाइयों से करीब 58.83 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा. खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित 21 इकाइयों से करीब 456.78 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा.

इसी तरह सामान्य विनिर्माण क्षेत्र की 16 इकाइयों से 296.48 करोड़, प्लास्टिक एवं रबड़ प्रक्षेत्र की तीन इकाइयों से 7.75 करोड़, हेल्थकेयर से संबंधित दो इकाइयों से 38.13 करोड़, पर्यटन से संबंधित दो इकाइयों से 74.12 करोड़, अक्षय ऊर्जा से संबंधित एक इकाई से 2.63 करोड़, टेक्सटाइल से संबंधित दो इकाइयों से 16.46 करोड़, काष्ठ आधारित क्षेत्र की दो इकाइयों से 6.87 करोड़ और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर की एक इकाई से 3.66 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा.

इन इकाइयों में मुख्यतः जेएसडब्ल्यू प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (सज्जन जिंदल ग्रुप), हल्दीराम भुजियावाला, माइक्रोमैक्स बॉयो फ्यूल्स प्रालि,इडेन स्मार्ट एग्रोटेक प्रालि, न्यूवे होम्स प्रालि, एलायंस इंडिया कन्ज्यूमर प्रोडक्ट्स प्रालि, न्यूजेन बायो फ्यूल्स प्रालि, मेसर्स बिहार डिस्टिलर्स एंड बॉटलर्स इंडिया प्रालि एवं मेसर्स शक्ति अर्थ मूवर्स एलएलपी शामिल हैं.

स्टेज-1 की पहले से स्वीकृति प्राप्त कुल 10 प्रस्तावों पर वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस की अनुशंसा प्रदान की गयी है. इससे 270.15 करोड़ रुपये का निवेश होगा है.

ये इकाइयां वाणिज्यिक उत्पादन में आने के बाद बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के अंतर्गत ब्याज अनुदान, स्टांप शुल्क, भूमि संपरिवर्तन शुल्क, एसजीएसटी, विद्युत शुल्क आदि अनुदान प्राप्त करने की पात्र होंगी.

इन प्रस्तावों में प्रसंस्करण से संबंधित चार इथेनॉल उत्पादन से संबंधित एक इकाई, सामान्य विनिर्माण क्षेत्र की दो इकाई, प्लास्टिक एवं रबड़ प्रक्षेत्र की एक इकाई, हेल्थकेयर से संबंधित एक इकाई और पर्यटन से संबंधित एक इकाई शामिल है.

20 नये स्टार्ट-अप को मंजूरी

राज्य में 20 नये स्टार्टअप को किये जाने की मंजूरी शुक्रवार को दी गयी है. यह मंजूरी राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बिहार स्टार्ट-अप फंड ट्रस्ट के न्यासी पर्षद की बैठक में दी गयी है. इस बैठक में 209 नये स्टार्ट-अप आइडियाज को भी स्वीकृति दी गयी है. इसे अब आगे इन्क्यूबेटर के साथ संबद्ध कर आइडिया को विकसित किया जायेगा. यह जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से दी गयी.

विभाग से जानकारी के अनुसार इन्टीग्रेटेड स्टार्ट-अप कॉम्प्लेक्स की स्थापना के लिए आइआइटी पटना द्वारा डीपीआर तैयार कराने के प्रस्ताव पर सहमति दी गयी. इसे एक इन्टीग्रेटेड हब के रूप में तैयार किया जायेगा, जहां स्टार्ट-अप के जरूरत के अनुसार तमाम आइटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाएं विकसित की जायेंगी . इससे बिहार स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बल मिलेगा.

बिहार स्टार्ट-अप फंड ट्रस्ट के न्यासी पर्षद की इससे पहले की बैठक का आयोजन 10 मार्च को हुआ था. उसमें कुल 25 नये स्टार्ट-अप को प्रमाणिकृत किये जाने पर सहमति प्रदान की गयी थी. प्रमाणिकृत 25 स्टार्ट-अप में से 15 स्टार्ट-अप को प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है.

उनमें से छह कंपनी बनाने के लिए प्रक्रियाधीन है और चार बिहार के बाहर रजिस्टर्ड हैं. उन्हें बिहार स्टार्टअप नीति के लिए बिहार में ही रजिस्टर करने के लिए सूचित कर दिया गया है.

बिहार स्टार्ट-अप नीति, 2017 अंतर्गत अब तक कुल 185 स्टार्ट-अप को प्रमाणिकृत किया जा चुका है. स्टार्ट-अप विभिन्न सेक्टर्स में अपने आइडिया का सृजन कर रहे हैं.इनमें मुख्यतः शिक्षा, स्वास्थ्य, आइटी फूड, कृषि, कला, रिटेल आदि शामिल हैं.

Posted by Ashish Jha

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