सरायगढ़. प्रखंड क्षेत्र में लगातार दो दिनों से मूसलाधार बारिश व कोसी नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि से पूर्वी और पश्चिमी कोसी तटबंध के भीतर बसे दर्जनों लोगों के घर-आंगन में दो से तीन फीट तक पानी फैल गया है. तटबंध के अंदर से लोग पलायन करके ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं. लोगों को अपने जान-माल के साथ-साथ पशुओं के भोजन की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर लौकहा, बहुअरवा, कवियाही, करहरी, बैसा, तकिया, उग्रीपट्टी, लौकहा पलार, ढोली, सियानी, कटैया, भुलिया, गोरीपट्टी, गिरधारी, बनैनिया, बलथरवा, औरही, सनपतहा सहित अन्य गांवों में बाढ़ का पानी लोगों के घर आंगन में दो से तीन फीट तक फैल गया है. लोगों का कहना है कि घर-आंगन में अचानक पानी फैलने के कारण खाने-पीने का सामान भी बर्बाद हो गया. पर्याप्त संख्या में नाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण भी तटबंध के अंदर को लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. इधर ढोली पंचायत के मुखिया सरस्वती देवी, लौकहा पंचायत के मुखिया महारानी देवी, भपटियाही पंचायत के मुखिया विजय कुमार यादव, बनैनिया पंचायत के मुखिया श्याम यादव, सरायगढ़ पंचायत के मुखिया प्रमिला देवी सहित अन्य पंचायत जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए तटबंध के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त संख्या में नाव की व्यवस्था करने, तटबंध के अंदर से बाहर आने वाले विस्थापित परिवारों के लिए सूखा राशन, पॉलीथिन शीट, और सामुदायिक किचेन की व्यवस्था कराने की मांग की है. इधर सीओ धीरज कुमार ने बताया कि पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर लोगों की आवागमन की सुविधा के लिए कुल 45 नाव की व्यवस्था विभिन्न घाटों पर की गयी है. कुल 70 नाव का एकरारनामा किया गया है. जरूरत पड़ने पर और नाव बहाल किये जाएंगे. तटबंध के अंदर फिलहाल कोई खतरा नहीं है. सीओ ने कहा कि ढोली, सियानी, लौकहा सहित अन्य जगहों पर सामुदायिक किचेन प्रारंभ करने की व्यवस्था की तैयारी की जा रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

