23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मृत्युभोज का आयोजन कहीं से भी उचित नहीं, मृत्युभोज छोड़ो अभियान को मिल रहा है भारी समर्थन : डॉ अमन

आप अपने आप को पढ़ा-लिखा समझते हैं तो मृत्युभोज का पूर्ण रूपेण बहिष्कार कीजिए

सुपौल. जनचेतना व जनशिक्षा पर आधारित मृत्युभोज छोड़ो अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ अमन ”आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत पर्चा वितरण कर मृत्युभोज पूर्ण विराम लगाने की दिशा में सहयोग करने की अपील कर रहे हैं. व्यवहार न्यायालय के वकालत खाना, निबंधन कार्यालय, उच्च विद्यालय, महाविद्यालय, बस स्टैंड आदि जगहों पर बुद्धिजीवि, समाजसेवी, छात्र, युवा, जनप्रतिनिधि, कर्मी व आम जनता के बीच पर्चा वितरण के दौरान प्रदेश संयोजक डॉ कुमार ने कहा कि आज समाज को मृत्युभोज से पूर्ण आजादी चाहिए. पढ़े-लिखे लोग भी यदि मृत्युभोज खाते हैं या करते हैं तो उनकी शिक्षा पर धिक्कार है. किसी भी व्यक्ति के परिवार में मृत्यु हो जाने पर वह अन्य लोगों को सूचित करते हुए लिखता है कि बड़े दुख के साथ सूचित करना पर रहा है कि मेरे … की मृत्यु हो गई. आम आवाम भी लिखते हैं कि इस दुख की घड़ी में हम आपके साथ हैं, भगवान आपके परिवार को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. इस प्रकार के संदेश भेजने के बाद भी विभिन्न तरह के पकवान बनवाकर मृत्युभोज खाते हैं. यह चिंतन का विषय है. कहा कि एक तरफ आम आवाम इसे दुख की घड़ी बता रहे हैं और दूसरी तरफ मिठाई, सब्जी, पुड़ी आदि व्यंजन खा रहे हैं. कहा कि यदि आप अपने आप को पढ़ा-लिखा समझते हैं तो मृत्युभोज का पूर्ण रूपेण बहिष्कार कीजिए. डॉ कुमार ने कहा कि शान, शौकत, वाहवाही व बड़प्पन के लिए मृत्युभोज का आयोजन कहीं से भी उचित नहीं है. मृतक आश्रित परिवार को धैर्य, साहस, उचित सलाह और सहयोग करने की जरूरत है. कहा कि जीवित अवस्था में माता-पिता या परिजन की सेवा ही सबसे बड़ा मृत्युभोज है. इसका किसी भी धर्म ग्रंथ में उल्लेख नहीं है. मृत्युभोज कल्याणकारी नहीं विनाशकारी है. मृत्युभोज खाने से साधु, पंडित, पुरोहित, संत-महात्मा व धर्मप्रेमी को भी पाप लगता है. मृत्युभोज से समाज का हर तबका परेशान है. मृत्युभोज के कारण कई परिवार वर्षों बरस कर्ज में दब जाते हैं. मृत्युभोज की जगह जनहित का कार्य करना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें