जदिया. जदिया थाना क्षेत्र में अपराधियों का मनोबल दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. चोरी, लूट, गोलीबारी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कहीं पर अपराधी सरेआम गोली मार रहे हैं तो कही लूट में विफल होने पर गोलीबारी की घटना को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं. लगातार घटित इस तरह की घटना से आमजनों में दहशत का माहौल है. बीते तीन माह में अपराधियों ने जिस प्रकार से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया है, इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि अपराधियों का हौसले बुलंद हो चुका है. अधिकांश आपराधिक घटनाओं का उद्भेदन नहीं होने से अपराधी जघन्य घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रही है. अपराधियों की धड़-पकड़ में शिथिलता की वजह से अपराधी बेलगाम हो चुके हैं. इस तरह के संगीन आपराधिक घटना घटने के बाद कुछ दिनों तक घटना सुर्खियां बटोरती है. इस दौरान पुलिस तफ्तीश में इस कदर जुटती है. मानों शीघ्र ही अपराधी पकड़े जायेंगे और क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं पर लगाम लग जायेगा. लेकिन ज्यों-ज्यों दिन बीतता है, माहौल ठंडा होता जाता है. त्यों-त्यों पुलिस की तफ्तीश भी धीमा पर जाता है और तमाम कवायद के बावजूद घटना फाइलों में दफन हो जाता है. लगातार हो रही संगीन घटनाओं से पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. हाल के दिनों में हुई आपराधिक घटनाएं केस 01 – 21 अप्रैल को बाइक सवार तीन अपराधियों ने मधेपुरा जिले के भतनी गांव निवासी सूरज कुमार को हथियार के बट से सिर पर प्रहार कर घायल कर दिया व बाइक व मोबाइल लूट लिया. लूट की घटना के बाद दहशत फैलाने के उद्देश्य से फायरिंग करते हुए भाग निकला. केस 02 – 27 मार्च को चोरों ने दिन दहाड़े कोरियापट्टी गाछी हाट से बैरिया निवासी नीतीश कुमार की बीआर -50/5636 नंबर की स्प्लेंडर बाइक चुरा लिया. केस 03 – 30 मार्च को बाइक सवार दो अपराधियों ने पाण्डेयपट्टी चाप समीप परसागढ़ी दक्षिण निवासी अशोक साह को गोली मार कर घायल कर दिया तथा 20 हजार रुपये लूट लिए. केस 04 -10 मार्च को चोरों ने जदिया पंचायत के वार्ड नंबर 04 निवासी ज्योतिंद्र झा एवं सुरेश झा के सुने घर को निशाना बनाया. चोरों ने पांच लाख मूल्य के जेवरात, पीतल के बर्तन सहित महंगे कपड़े चुरा लिए. केस 05 – 19 फरवरी को बाइक सवार दो अपराधियों ने छातापुर-रानीपट्टी नहर मार्ग में क्वार्टर चौक के पास त्रिमूर्ति सीड्स कंपनी के कर्मी प्रवीण कुमार को हथियार का भय दिखाकर 07 हजार रुपये और मोबाइल लूट लिया. यह तो एक बानगी है ऐसी कई घटनाएं है, जिसे लोग भगवान की मर्जी मानकर बैठ जाते हैं और पुलिस को भी सूचना नहीं देते. क्योंकि लोगों के जेहन में बैठ गया है कि चोरी या लूटी हुई रकम तो वापस नहीं मिलेगा. ऊपर से पुलिस के तीखे सवालों का जवाब देना पड़ेगा.
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