जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने कार्यक्रम का शुभारंभ िकया व उपस्थित िकसानोें को संबोधित िकया ़
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आलू से होगा लाभ सेमिनार . वैज्ञानिक विधि से करें खेती
जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने कार्यक्रम का शुभारंभ िकया व उपस्थित िकसानोें को संबोधित िकया ़ सुपौल : आलू के उन्नत पैदावार के लिए जिले भर के अधिकांश हिस्सा काफी उपयुक्त है. वैज्ञानिक पद्धति से किसान आलू की खेती कर समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं. आलू में पाया जाने वाला कार्बोहाईड्रेट शरीर में धीरे – […]
सुपौल : आलू के उन्नत पैदावार के लिए जिले भर के अधिकांश हिस्सा काफी उपयुक्त है. वैज्ञानिक पद्धति से किसान आलू की खेती कर समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं. आलू में पाया जाने वाला कार्बोहाईड्रेट शरीर में धीरे – धीरे उर्जा को प्रवाहित करता है. जिसकी वजह से रक्त में पाये जाने वाले शर्करा का स्तर सामान्य बना रहता है.
उक्त बातें समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा द्वारा आयोजित आलू उत्पादक कृषकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह सेमिनार कार्यक्रम का शुभारंभ करने पहुंचे जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने मंगलवार को किसानों को संबोधित करते हुए कही. डीएम श्री यादव ने कहा कि जब वे बीते जनवरी माह में जिला मुख्यालय में योगदान दिया था. उस वक्त उन्होंने क्षेत्र का भ्रमण किया. जहां उन्होंने कई स्थानों पर आलू उगाये जाने वाले मिट्टी होने के बाद भी जमीन खाली पड़ा पाया.
डीएम ने कृषि विभाग से किसानों को आलू की उन्नत खेती कराये जाने हेतु एक जागरुकता कार्यक्रम चलाये जाने को कहा. साथ ही उक्त कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों की सहभागिता होने की भी बात कही थी. सेमिनार का शुभारंभ जिला पदाधिकारी सहित अन्य के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया.
वरदान साबित होगा फसल बीमा
डीएम श्री यादव किसानों को बताया कि आलू की खेती अन्य फसलों की खेती से मंहगी जरुर है. लेकिन काफी कम समय में आलू की फसल से रिर्टन भी अच्छी मिलती है. डीएम ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों के हित में फसल बीमा योजना संचालित की गयी है. उक्त बीमा से किसानों को अब फसलों के पैदावार में घाटे का सामना नहीं होगा.
डीएम ने बताया कि जिले में पौधा संरक्षण पदाधिकारी का पद खाली है. वे शीघ्र ही इस दिशा में प्रयास रत है. बताया कि पौधा संरक्षण पदाधिकारी के अभाव में किसानों को फसल में लगने वाले बीमारी का समुचित ज्ञान नहीं हो पाता है. बताया आलू की फसल में उच्च आर्दता के कारण फफूंद व बैक्टिरिया जनित बीमारी उत्पन्न होने पर किसानों को यह पता नहीं चल पाता है कि इस समय कौन सी दवा का प्रयोग करें. ताकि फसल को सुरक्षित रखा जा सके. उन्होंने किसानों से कहा कि सेमिनार में कृषि वैज्ञानिक उपस्थित है. आप सभी कृषि वैज्ञानिकों का मोबाइल नंबर ले लेंगे. ताकि फसल लगाने के बाद समस्या आने पर उक्त फसल का समुचित निदान की जा सके.
किसानों ने बढ़ाया मनोबल
कार्यक्रम में उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मौसम खराब रहने के बावजूद सेमिनार में जिले भर से काफी किसानों ने हिस्सा लिया है. किसानों की उपस्थिति से विभाग का मनोबल काफी उंचा हुआ है. बताया कि आलू के फसल को 30 से 35 दिनों तक खरपतवार रहित रखना अति आवश्यक है.
बताया कि खेतों को खरपतवार रहित करने के लिए आठ सौ लीटर पानी में दो लीटर एलाक्लोर का घोल बना कर फसल के बुआई के एक दो दिन के भीतर ही खेतों में छिड़काव करना चाहिए. बताया कि मिट्टी की निराई व गुड़ाई कर खरपतवारों को निकालते रहना चाहिए. इससे पौधे का अपेक्षित विकास होता है. श्री झा ने कहा कि आलू की फसल को रोग एवं कीटों के प्रकोप का अतिरिक्त पाला से भी हानि पहुंचती है. ऐसे समय में किसान फसलों की सिंचाई करें.
ताकि फसल के उपर पाला का असर ना हो पाये. डीएओ श्री झा ने कहा कि अक्टूबर से नवंबर माह के प्रथम पखबाड़े को आलू की बुआई का अच्छा समय माना जाता है. दिसंबर के तीसरे सप्ताह में डाईथेन एवं -45 दवा का 0.2 प्रतिशत घोल बना कर छिड़काव करना लाभदायक होता है.
पोटैटोपैथी गीत की हुई प्रस्तुति
परियोजना निदेशक आत्मा राजन बालन ने किसानों को आलू के गुणों का बखान गीतों की प्रस्तुति देकर किया. श्री बालन ने माटी कहे कुम्हार से गीत के तर्ज पर … आलू कहे किसान से, तू तो है अंजान- मेरे गुण को जानिये, जब हो सफल किसान. आगे उन्होंने कहा कि क्रोमियम है आलू में, इंसुलिन बन जाय- दूर करे मधुमेह को, सब भ्रम दूर भगाय, मैगनीज के कारणें रक्त भी खूब बजाय, बवासीर में लाभ हो, जो नित आलू खाय, घर की खेती से उपजै, कब्ज में देत आराम, है फेनौल भी आलू में, दूर भगाता थकान- टौनिक है ये बच्चों का, ममरखा भी मिट जाय, छिलके का सेवन करे जो- सभी बला टल जाय. सहित श्रीगुरु चरण …के तर्ज पर दिये प्रस्तुति आलू चालीसा से किसानों ने आलू के बखानों को खूब सराहा.
बीज प्रबंधन की जानकारी
डीएम श्री यादव के आग्रह पर आलू अनुसंधान केंद्र पटना से आये संजय कुमार यादव व कृषि वैज्ञानिक अरुण कुमार सिंह ने किसानों को बीजों के कई प्रभेदों की जानकारी दी. साथ ही कौन सा प्रभेद कब लगाया जाना चाहिए सहित अन्य जानकारी किसानों को उपलब्ध करायी गयी. मौके पर प्रशिक्षकों ने किसानों की हरेक समस्याओं को सूनी. तदुपरांत हरेक समस्याओं के निदान के बारे में सामूहिक रुप से बताया गया. इस मौके पर केवीके राघोपुर के मनोज कुमार, बीएओ शिवनाथ झा सहित सभी प्रखंड के बीएओ, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार सहित दर्जनों किसान उपस्थित थे.
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