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बिहार शिक्षक नियुक्ति की पात्रता में कई अन्य विषय भी शामिल, CTET में शामिल होने वाले अभ्यर्थी को भी अनुमति

सीटीइटी पेपर वन में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को इस वर्ष, वर्ग एक से पांच तक के लिए विद्यालय अध्यापक के पद पर आहूत होने वाली परीक्षा में इस शर्त के साथ शामिल होने के अनुमति प्रदान की जाती है कि बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से निर्धारित अंतिम तिथि तक उनका परीक्षा फल प्रकाशित हो जाये.

शिक्षा विभाग ने बीपीएससी के जरिये विद्यालय अध्यापक पद के लिए होने जा रही नियुक्तियों से जुड़ी अर्हताओं के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं. कक्षा नौ और 10 वीं (हाइस्कूल) के विज्ञान शिक्षक बनने के लिए अर्हता में अब बायोटेक्नोलॉजी / माइक्रोबायलॉजी को शामिल कर लिया है. इससे पहले केवल जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और रसायन शास्त्र को अर्हता में शामिल रखा गया था. इसी तरह कक्षा नौ और 10 वीं के लिए सामाजिक विज्ञान विषय में विद्यालय अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए जरूरी अर्हता में प्राचीन इतिहास को इतिहास विषय के समकक्ष मान लिया गया है.

सीटीइटी अभ्यर्थियों को भी अनुमति 

शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार की तरफ से आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक केंद्र की तरफ से जुलाई में होने जा रही सीटीइटी पेपर वन में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को इस वर्ष, वर्ग एक से पांच तक के लिए विद्यालय अध्यापक के पद पर आहूत होने वाली परीक्षा में इस शर्त के साथ शामिल होने के अनुमति प्रदान की जाती है कि बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से निर्धारित अंतिम तिथि तक उनका परीक्षा फल प्रकाशित हो जाये. अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित का आवेदन अनुमान्य नहीं होगा.

कक्षा एक से पांच तक के लिए विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए बीएड (विशेष) को भी प्रशिक्षण के अनुमान्य अर्हता इस शर्त के साथ दी जाती है कि वर्ग छह से आठ तक के लिए विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए निर्धारित शर्त का अनुपालन किया जायेगा. इसी तरह वर्ग एक से पांच तक के लिए विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक अथवा इसके समकक्ष एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त किसी भी संस्थान में बीएएड /बीएससीएड की चार वर्षीय उपाधि की अनुमान्य अर्हता इस शर्त के साथ दी गयी है कि नियुक्ति होने के दो साल के भीतर एनसीटीइ की मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह माह का एक सेतु पाठ्यक्रम आवश्यक रूप से पूरा करना होगा. संबंधित विद्यालय अध्यापक को इस प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए छह माह का सवैतनिक अवकाश मान्य किया जायेगा.

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