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मौसम मेहरबान तो धान की रोपनी में आयी तेजी

पिछले एक सप्ताह से रूक-रूक कर हो रही बारिश के बाद धान की रोपनी में काफी तेजी देखी जा रही है. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो एक सप्ताह पूर्व जहां धान की रोपनी 15 प्रतिशत था, वह बढकर 40 फीसदी से अधिक हो गया है. बारिश ने धान की रोपनी करने के लिए किसानों को काफी राहत दी है.

प्रतिनिधि, सीवान. पिछले एक सप्ताह से रूक-रूक कर हो रही बारिश के बाद धान की रोपनी में काफी तेजी देखी जा रही है. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो एक सप्ताह पूर्व जहां धान की रोपनी 15 प्रतिशत था, वह बढकर 40 फीसदी से अधिक हो गया है. बारिश ने धान की रोपनी करने के लिए किसानों को काफी राहत दी है. जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक लक्ष्य के विरुद्ध 40 फीसदी से अधिक खरीफ फसल का आच्छादन हो गया है. यदि इसी रफ्तार से बारिश का साथ मिला तो निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक धान की रोपनी संपन्न हो जायेगी.इस समय किसान धान की रोपनी में लगे हैं, वहीं अगर तीन-चार दिनों तक और मौसम का साथ किसानों को मिला, तो धान की रोपनी का आंकड़ा तेजी से बढ़ेगा. किसानों ने बताया कि धान के बिचड़े तैयार हो गए थे, लेकिन खेतों में पानी नहीं रहने के कारण धान की रोपनी में तेजी नहीं आ रही थी. पूर्व में थोड़े बहुत किसानों ने मोटर पंप की सहायता से रोपनी की थी. धान की फसल को मिली संजीवनी जो किसान अपने संसाधनों से धान रोपनी कर चके थे, वे बारिश नहीं होने से चिंतित थे. अनियमित बारिश की वजह से धान की फसल को नियमित रुप से सिंचाई नहीं हो पा रही थी. जिस वजह से धान सहित अन्य खरीफ फसलों के पौधे मुरझा रहे थे. झमाझम बारिश से धान की फसल को नया जीवन मिला है. कुछ दिन कड़ाके की हुई धूप और उमस भरी गर्मी के कारण धान की फसल में रोग व खर पतवार पनपने लगा था. जिसके कारण फसलों के तने पीले पड़कर सूखने लगे थे. जैसे ही मौसम में ठंडक आई, वर्षा की बौछारें फसल पर पड़ी वह रोग स्वतः समाप्त होने लगा है. जिससे किसान राहत महसूस किए. किसान पप्पू गिरी सहित अन्य लोगों ने बताया कि उमस के कारण फसल पर अन्य मौसमी रोग प्रभावी हो रहे थे, उससे भी अब निजात मिल जाएगी. पिछले एक सप्ताह से क्षेत्र में पड़ रही तीखी धूप और उमस भरी गर्मी के कारण आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ था.इस बारिश से राहत मिली है. लक्ष्य से पिछड़ गयी थी खेती- जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि जिले में धान की खेती का लक्ष्य एक लाख 241 हेक्टेयर का है. बारिश कम होने की वजह से एक सप्ताह पूर्व तक लक्ष्य का करीब 15 प्रतिशत ही पूरा किया जा सका था. परंतु अब यह आंकड़ा 40 फीसदी के पार पहुंच गया है. अभी तक 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही धान की रोपनी हो चुकी है. बताया कि बारिश से धान की रोपनी में तेजी आई है. महाराजगंज में 32 फीसदी हुई धान की रोपनी महाराजगंज. महाराजगंज प्रखंड में एक सप्ताह पूर्व तक धान की रोपनी का आंकड़ा चिंताजनक था. परंतु पिछले एक सप्ताह में यह आंकड़ा 32 प्रतिशत को पार कर गया है. एक सप्ताह पहले तक 10 से 12 प्रतिशत धान की रोपनी हुई थी. किसान रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि बारिश से अधिकांश खेतों में पानी कम लग रहा है. ऐसे में किसान पंपसेट से पानी चलाकर जल्दी जल्दी धान की रोपनी में जुटे हैं. वहीं इन दिनों ट्रैक्टर और मजदूर दोनों की मांग बढ़ गयी है. एक खेत में लगे ट्रैक्टर और मजदूर को किसान जल्द से जल्द अपने खेत में ले जाने के लिए बेताब हो रहे हैं. प्रखंड के धनरोपनी वाले खेतों में महिलाओं के परंपरागत गीतों से खेत और आसपास के बधार गुंजायमान हो रहे हैं. किसान अनिल सिंह बताते हैं कि फिलहाल बारिश की जरूरत है. हालांकि दो-चार दिन पर बारिश होती रहे तो यह धान की फसल के लिए अच्छा होगा.

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