प्रतिनिधि, हसनपुरा. पटना उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने प्रखंड के हसनपुरा प्रखंड के तेलकथू पंचायत के टड़ीला गांव के अतिक्रमण वाद मामले में फैसला सुनाते हुए हसनपुरा के अंचलाधिकारी द्वारा जारी ध्वस्तीकरण आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इस आदेश से गांव के गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिली है. बता दें कि हसनपुरा के सीओ ने गांव के कुछ गरीब परिवारों के पैतृक आवास और जमीन को अतिक्रमित घोषित करते हुए उन्हें खाली करने और निर्माण ढहाने का नोटिस जारी किया था. इस कार्यवाही को प्रभावित लोगों ने पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी. पीड़ित पक्ष की ओर से सीवान निवासी प्रियांशु कुमार सिंह ने से पैरवी की. अधिवक्ता प्रियांशु ने न्यायालय को अवगत कराया कि यह आदेश कुछ प्रभावशाली लोगों के दबाव में आकर, विधिक प्रक्रिया का पालन किए बिना पारित किया गया था. हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित संज्ञान लिया और मुकदमा दायर होने के अगले ही दिन आदेश पर स्टे (रोक) लगा दी. कार्यपालक सहायकों ने स्वास्थ्य मंत्री को सौंपा मांग पत्र दरौंदा. प्रखंड परिसर में हुए एनडीए कार्यकर्ताओं सम्मेलन के दौरान कार्यपालक सहायकों ने बिहार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री मंगल पांडेय को अपने मांगो से संबंधित एक आवेदन दिया. जिसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में संविदा या दैनिक भोगी पर कार्यरत कर्मियों को दी गई राज्य कर्मी की दर्जा एवं वेतमान के तर्ज पर कार्यपालक सहायकों के सेवा संवर्ग का गठन कर स्थायीकरण करतें हुए राज्य कर्मी का दर्जा एवं वेतमान दी जाए. सातवें वेतनमान के अनुसार सरकार उचित मानदेय दे.
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