प्रतिनिधि,सीवान.सहकारिता विभाग ने खरीफ विपणन मौसम 2023-24 और 2024-25 के दौरान डिफॉल्टर पैक्स और व्यापार मंडलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए विस्तृत रिपोर्ट तलब किया है. इसके लिए अपर निबंधक (प्रशासन) सहयोग समितियां के राम नरेश पाण्डेय ने सभी जिला सहकारिता पदाधिकारियों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को पत्र जारी किया है.पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि डिफॉल्टर पैक्स और व्यापार मंडलों की पूरी जानकारी उच्च स्तर पर उपलब्ध करानी है. इसके लिए जिलावार नाम सहित ऐसे पैक्स और मंडलों की संख्या, उनके द्वारा अधिप्राप्त धान और आपूर्ति की गयी चावल (सीएमआर) की मात्रा तथा ऋण की स्थिति का ब्योरा दो दिनों के भीतर पटना कार्यालय को भेजना अनिवार्य है. जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि डिफॉल्टर इकाइयों को कितनी ऋण राशि स्वीकृत की गई थी. ऋण सीमा धान अधिप्राप्ति के समय कितनी बार और किसके अनुशंसा पर बढ़ाई गई थी. इसका भी विवरण देना होगा.साथ ही यह जानकारी भी देनी होगी कि इन पैक्स और व्यापार मंडलों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है.पत्र में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि यदि डिफॉल्टर इकाइयों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है तो उसकी प्रति और अब तक की कार्रवाई का नतीजा भी रिपोर्ट में संलग्न करना होगा. विभाग ने कहा है कि यह पूरा मामला संवेदनशील है और इसे अतिआवश्यक मानते हुए निर्धारित समय में ही ब्योरा उपलब्ध कराना होगा. अपर निबंधक ने कहा है कि सरकार खरीफ विपणन और सीएमआर आपूर्ति को लेकर पूरी तरह गंभीर है. डिफॉल्टर पैक्स और व्यापार मंडलों के कारण न सिर्फ किसानों को परेशानी होती है बल्कि सहकारिता प्रणाली की साख पर भी सवाल उठता है. इसलिए उच्च स्तर पर पूरी जानकारी संकलित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.सहकारिता विभाग ने सभी अधिकारियों से दो दिनों में रिपोर्ट भेजने को कहा है ताकि आगे की कार्रवाई तय की जा सके.
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