सीवान. इंसानों की तरह ही बेजुबान पशुओं की भी स्वास्थ्य की चिंता की जायेगी. इसके लिए बकरियों का भी स्वास्थ्य कार्ड बनाया जायेगा. उनके स्वास्थ्य की भी निगरानी की जायेगी.
इस कार्ड में बकरियों की सेहत से संबंधित सभी तरह के रिकॉर्ड अंकित रहेंगे, जिससे बकरियों की नस्ल की पहचान करने में आसानी होगी. हेल्थ कार्ड देखते ही पशु कर्मी से लेकर पशु चिकित्सा पदाधिकारी आसानी से नस्ल की पहचान कर लेंगे और उसे किस चीज की आवश्यकता है यह भी जान लेंगे. पशुपालन विभाग की कार्य योजना का लाभ दुधारू गाय व भैंस के साथ बकरियों को भी मिल पायेगा. कार्ड बनाने के लिए भी बकरी पालकों को ज्यादा भाग-दौड़ करने की आवश्यकता नहीं होगी. उन्हें इसके लिए किसी तरह का शुल्क व राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. यह कार्ड विभाग की कार्य योजना के मुताबिक पूरी तरह से नि:शुल्क होगा. इसके लिए विभाग ने एक लाख 59 हजार 400 बकरियों का हेल्थ कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा है.टैगिंग वाले का ही बनेगा हेल्थ कार्ड
विभागीय जानकारी के मुताबिक जिले में लक्ष्य के अनुसार बकरियों की भी टैगिंग की जायेगी. यह कार्य वैक्सीनेटर्स द्वारा डोर टू-डोर भ्रमण कर किया जायेगा. इसके अलावा पशु अस्पतालों में भी इसकी सुविधा उपलब्ध होगी. इसके बाद बकरियों का हेल्थ कार्ड बनाया जायेगा. वहीं, जिस बकरी की इयर टैगिंग नहीं होगी, उसका हेल्थ कार्ड नहीं बनेगा. पशुपालन विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोई भी विभागीय लाभ उसी पशु को दिया जायेगा, जिनकी इयर टैगिंग हुई होगी.क्या कहते हैं पशु चिकित्सा पदाधिकारी
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अहसानूल होदा ने कहा कि जिले की बकरियों की इयर टैगिंग होनी है. इसके बाद हेल्थ कार्ड बनेगा. कोई भी विभागीय लाभ उसी को दिया जायेगा, जिनकी इयर टैगिंग हुई होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है