प्रतिनिधि,सीवान.महाराजगंज नगर पंचायत का मौजूदा बोर्ड पांच सितंबर के बाद भंग होने की संभावना है. इसके बाद चुनाव होने तक पूरे नगर पंचायत का संचालन प्रशासक के हाथों में होगा. नगर विकास एवं आवास विभाग ने 6 मार्च को अधिसूचना जारी कर धनछुआ और जगदीशपुर को महाराजगंज नगर पंचायत में शामिल कर दिया था. जैसे ही यह अधिसूचना जारी हुई थी तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि नगर पंचायत का मौजूदा बोर्ड ज्यादा दिन तक नहीं चल पायेगा. नगर पंचायत बोर्ड का कार्यकाल नवंबर 2027 तक था. लेकिन नगर पंचायत की सीमा में विस्तार होने के कारण कानूनन बोर्ड को भंग करना पड़ेगा.नियम के मुताबिक किसी नगर निकाय के क्षेत्र में विस्तार होने के बाद अधिसूचना जारी होने की तारीख से 6 महीने के अंदर मौजूदा बोर्ड को भंग करना अनिवार्य है. यही समय सीमा 5 सितंबर को पूरी हो रही है.बोर्ड भंग होने के साथ ही मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और सभी वार्ड पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा.स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि समय से पहले बोर्ड भंग होने से कई जरूरी विकास योजनाएं अधर में लटक जाएंगी..बोर्ड भंग होने के बाद प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह प्रशासक के हाथ में होगी. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से नये चुनाव की तिथि घोषित की जाएगी. नगर पंचायत क्षेत्र के राजनीतिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह बदलाव क्षेत्र की राजनीति और विकास कार्यों पर बड़ा असर डालेगा. अधिवक्ता प्रफुल रंजन कहते हैं कि सरकार द्वारा दिनांक 06.03.2025 को जारी अधिसूचना के द्वारा महाराजगंज नगर पंचायत में दो गांव जगदीशपुर और धनछूहा को जोड़ा गया है.इस वजह से बिहार नगरपालिका अधिनियम के 2007 की धारा 12(8) के अनुसार यदि किसी नगर निकाय में कोई नया क्षेत्र जुटता है तो उक्त नगर निकाय की अवधि धारा 6 के अधीन अधिसूचना जारी करने तिथि से 6 माह से अधिक नहीं होगी.इस प्रकार नियमावली के इस प्रावधान के आलोक में नगर पंचायत महाराजगंज में कार्यरत वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल 5 सितंबर तक रहने की ही संभावना है.
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