प्रतिनिधि, सीवान. नगर पंचायत महाराजगंज में प्याऊ निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये की बंदरबांट और गबन का मामला सामने आया है. नगर पंचायत की उप मुख्य पार्षद गुड़िया कुमारी ने जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है. उप मुख्य पार्षद ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि कार्यपालक पदाधिकारी हरिश्चंद्र और मुख्य पार्षद शारदा देवी की मिलीभगत से नियम-कानून को ताक पर रखकर टेंडर प्रक्रिया की गयी और सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया. उनका कहना है कि नगर विकास विभाग के नियम के मुताबिक खरीदारी और निर्माण कार्य की निविदा जेम पोर्टल से पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए. लेकिन यहां गोपनीय तरीके से निविदा निकाली गई और सिर्फ चुनिंदा ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का काम किया गया. गुड़िया कुमारी ने बताया कि बोर्ड की बैठक में सिर्फ 10 जगह प्याऊ लगाने का प्रस्ताव पास हुआ था. लेकिन बाद में 15 स्थानों पर प्याऊ लगाने का आदेश दे दिया गया. इससे करीब 1 करोड़ 71 लाख 76 हजार 515 रुपये की निकासी की जा रही है. एक प्याऊ की लागत 11 लाख 45 हजार रुपये दिखाई गई है, जबकि बिहार के अन्य नगर निकायों में यही प्याऊ करीब 6 लाख रुपये में लग रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई प्याऊ ऐसे स्थानों पर लगाए जा रहे हैं जहां इसकी जरूरत ही नहीं है. यहां तक कि रेलवे की जमीन और केसरे हिन्द भूमि पर बिना अनुमति के निर्माण कराया जा रहा है. इसके लिए क्षेत्र के प्रमुख स्थानों को चिह्नित किया गया है. जिसमें पकवा इनार, राजेंद्र चौक, निबंधन कार्यालय, मौनिया बाबा स्थान, कंकारीन माता मंदिर, शहीद स्मारक, अनुमंडल कार्यालय, रामजानकी मठिया, सती माता मंदिर, पुरानी मस्जिद, जरती माता मंदिर, इंदौली काली माता मंदिर, ब्लाक कार्यालय परिसर, नगर पंचायत कार्यालय परिसर व रामापाली रेलवे ढाला काली माता मंदिर शामिल है. इनमें से कई स्थानों पर प्याऊ का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. जिसे पूर्ण करने का अगले तीन माह तक लक्ष्य तय किया गया है. पत्र में यह भी कहा गया कि निविदा की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई. टेंडर की सूचना समय से नहीं दी गई, बोलीदाताओं की सूची और तकनीकी मूल्यांकन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और बाजार मूल्य से कई गुना अधिक दर पर काम कराया गया. उप मुख्य पार्षद ने मांग की है कि अनावश्यक स्थानों पर प्याऊ निर्माण को तुरंत रोका जाए. भुगतान की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए और इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. इस मामले की प्रति नगर विकास एवं आवास विभाग पटना, सारण प्रमंडल के आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी महाराजगंज और कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत महाराजगंज को भी भेजी गई है. बोले अधिकारी जांच होती है तो हम जवाब देने के लिए तैयार हैं. काम विभागीय नियमों के अनुसार हुआ है और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. सभी आरोप बेबुनियाद है. सभी वार्ड पार्षद और मुख्य पार्षद इस कार्य के पक्ष में हैं. हमारा उद्देश्य जनता को सुविधा देना है, विवाद में उलझना नहीं. हरिश्चंद्र, इओ, नपं महाराजंज बोलीं मुख्य पार्षद उप मुख्य पार्षद का मकसद विकास कार्य को बाधित और मुझे बदनाम करना है. पहले भी वे ऐसे आरोप लगाती रही हैं. जनता जानती है कि हम ईमानदारी से काम कर रहे हैं और विकास में विश्वास रखते हैं. अगर जांच होती है तो हम जवाब देने को तैयार हैं. हमारी प्राथमिकता जनता की भलाई और नगर का विकास है. शारदा देवी, मुख्य पार्षद, नपं, महाराजगंज
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