प्रतिनिधि, सीवान. लालफीताशाही के भंवर जाल में 140 निजी विद्यालय के संचालक फंस कर रह गए हैं. जिला पदाधिकारी स्तर से गठित 70 सदस्यीय जांच कमेटी को 140 निजी विद्यालयों की जांच करने में छह महीने भी कम पड़ गए हैं. मामला निजी विद्यालयों द्वारा 25 फीसदी बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के एवज में सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रतिपूर्ति की राशि से जुड़ा हुआ है. यह राशि वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर अबतक बकाया है. इस मामले में तत्कालीन डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने 20 फरवरी को जिला स्तरीय पदाधिकारियों की 70 सदस्यीय जांच कमेटी गठित करते हुए तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब किया था. बताते चलें कि निजी विद्यालयों द्वारा प्रतिपूर्ति राशि को लेकर ज्ञानदीप पोर्टल पर क्लेम किया था. इस मामले में 18 दिसंबर 2024 को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निजी विद्यालयों द्वारा ज्ञानदीप पोर्टल पर क्लेम के आरोप में जिला स्तरीय पदाधिकारी से जांच कराने का निर्देश दिया गया था. कुछ विद्यालयों द्वारा वर्ष 2019-20 में ज्ञानदीप पोर्टल पर प्रविष्टि किये गये आंकड़ों की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया था कि कुछ निजी विद्यालयों द्वारा मात्र ट्यूशन फीस का दावा किया गया है, परंतु अधिकांश निजी विद्यालयों द्वारा ट्यूशन फीस के साथ-साथ नामांकित बच्चों के निःशुल्क पोशाक एवं निःशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने से संबंधित राशि की प्रतिपूर्ति का भी दावा किया गया था. अपर मुख्य सचिव के पत्र के आलोक में तत्कालीन जिला पदाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने 20 फरवरी को जिला स्तरीय पदाधिकारी की 70 सदस्यीय कमेटी गठित करते हुए तीन दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था. 54 विद्यालयों की जांच अभी भी अधूरी- शिक्षा विभाग की बातों पर गौर करें तो 140 विद्यालयों में से सिर्फ 86 निजी विद्यालयों की जांच हो सकी है. अभी भी 52 निजी विद्यालयों की जांच अधूरी है. बताया जाता है कि इस मामले में शिक्षा विभाग द्वारा तीन-तीन स्मार पर संबंधित पदाधिकारी को भेजा जा चुका है, शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी जांच पूरी होने की बात कह पल्ला झाड़ रहे है. प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसियेशन के सचिव शिवजी प्रसाद का कहना है कि जांच के संदर्भ में जिला स्तरीय पदाधिकारियों की मंशा साफ नहीं है. सचिव ने बताया कि अब सबकी नजर जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश पर हीं टकी है. बोले जिलाधिकारी मामला संज्ञान में आया है. इस माह होने वाली शिक्षा विभाग की बैठक में समीक्षा पश्चात अग्रेत्तर कार्रवाई की जायेगी. डॉ आदित्य प्रकाश, डीएम, सीवान
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