सीतामढ़ी. जिले में नियोजित शिक्षकों की जांच कर जुटी विजिलेंस की थोड़ी चूक से एक शिक्षक को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ी थी और उसका दंश उन्हें आज भी झेलना पड़ रहा है. सरकारी कागजातों में भले ही उक्त चूक को सुधार कर लिया गया है, पर आमजन के बीच उक्त शिक्षक अब भी परेशानी में पड़ जाते रहे है. बताया गया है, विजिलेंस द्वारा जांच में बथनाहा प्रखंड के मिडिल स्कूल, हाजीपुर के शिक्षक राजेश कुमार, पिता लालबाबू सिंह के प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र को फर्जी पाया गया था. उक्त प्रमाण-पत्र गुवाहाटी से निर्गत था. मामले में शिक्षक राजेश कुमार के खिलाफ बथनाहा थाना में 234/24 दर्ज कराई गई थी. खास बात यह कि प्राथमिकी में विजिलेंस द्वारा अवैध शिक्षक राजेश कुमार के स्कूल का नाम मवि, हाजीपुर के बजाए मवि, महुआवा का उल्लेख कर दिया गया था. संयोगवश मवि, महुआवा के शिक्षक का नाम भी राजेश कुमार ही है. प्राथमिकी के आधार पर मीडिया में खबरें आने पर इसके आधार पर डीपीओ, स्थापना द्वारा फर्जी को छोड़ सही शिक्षक मवि, महुआवा के शिक्षक राजेश कुमार का वेतन बंद कर दिया गया था. फिर इनकी शिकायत पर डीईओ ने विजिलेंस एसपी से मार्गदर्शन मांगा था. एसपी ने स्पष्ट किया था कि मवि, महुआवा के शिक्षक राजेश कुमार, पिता रामसूरत पंडित के खिलाफ कोई आरोप नहीं है और न ही कोई कांड दर्ज कराया गया है. इनका वेतन चालू किया जाए. इसके बाद डीपीओ, स्थापना ने 13 जनवरी 25 को महुआवा के शिक्षक राजेश कुमार का वेतन चालू कर दिया गया.
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