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आयोजन. एएसआइ की जिला शाखा का वार्षिक कान्फ्रेंस, बोले डॉ वीरेंद्र

तनावमुक्त हो डॉक्टर करें दायित्व निर्वाह अतिथियों के स्वागत में छात्राओं ने प्रस्तुत किया स्वागत गान सीतामढ़ी : शहर स्थित एक होटल में रविवार को एएसआइ की जिला शाखा का वार्षिक कान्फ्रेंस हुआ. कान्फ्रेंस का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा बरुण कुमार सिन्हा, डा वीरेंद्र किशोर, डा आरके टंडन, डा केके कंठ, डा रणवीर प्रसाद सिंह, […]

तनावमुक्त हो डॉक्टर करें दायित्व निर्वाह

अतिथियों के स्वागत में छात्राओं ने प्रस्तुत किया स्वागत गान
सीतामढ़ी : शहर स्थित एक होटल में रविवार को एएसआइ की जिला शाखा का वार्षिक कान्फ्रेंस हुआ. कान्फ्रेंस का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा बरुण कुमार सिन्हा, डा वीरेंद्र किशोर, डा आरके टंडन, डा केके कंठ, डा रणवीर प्रसाद सिंह, डा अशोक कुमार सिंह, डा सीताराम प्रसाद सिंह, डा सुनील कुमार सिंह, डा असीत कुमार सिंह व मंच संचालक डा समीर कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
मौके पर सीएमइ प्रोग्राम ऑफ एएसआइ, बिहार चैप्टर से जुड़े चिकित्सकों के बीच विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा पेशा से जुड़ी विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. अध्यक्ष डा श्री सिंह ने वर्तमान समय में कैंसर, एड्स, मलेरिया आदि विभिन्न रोगों से निबटने और अपने पेशे में धैर्य से कार्य करने की सलाह दी.
डा निर्मल गुप्ता ने मंचासीन अतिथि चिकित्सकों का विस्तार से परिचय कराया. इससे पूर्व पटना समेत अन्य जिला से आये मंचासीन अतिथियों को स्थानीय चिकित्सकों ने बुके प्रदान कर सम्मानित किया.कान्फ्रेंस की अध्यक्षता जिला शाखा के अध्यक्ष डा सीताराम सिंह ने की.
सम्मानित किये गये चिकित्सक
मंचासीन अतिथि डा वीरेंद्र किशोर व डा रणवीर प्रसाद सिंह को डा पीपी लोहिया, डा बरूण कुमार को डा राघवेंद्र कुमार, डा आरके टंडन को डा असित कुमार, डा टीके कंठ व डा समीर कुमार सिंह को डा निर्मल कुमार गुप्ता, डा अशोक कुमार सिंह व डा रसिक कुमार सिंह को डा बरूण कुमार, डा सीताराम प्रसाद सिंह व डा अनिल कुमार श्रीवास्तव को डा राघवेंद्र कुमार ने बुके देकर सम्मानित किया.
डिग्री ड्राइविंग लाइसेंस की तरह
मौके पर मुख्य अतिथि डा वीरेंद्र किशार ने कहा, कि चिकित्सकों की डिग्री, ड्राइविंग लाइसेंस की तरह है. सही ज्ञान प्रैक्टिस से होता है. हमें अपने कार्य को बखूबी ईमानदारी व धैर्य के साथ करना चाहिए. इस पेशे में यश-अपयश आम बात है. इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
इस पेशे में तनाव मुक्त होकर काम करना चाहिए. मरीजों से हमेशा प्रसन्न चित्त मुद्रा में बातें करना और उनकी परेशानियों को गंभीरता से सुनना एक सफल चिकित्सक का गुण होता है. इससे पूर्व अतिथियों के स्वागत में स्थानीय छात्राओं द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया.
साइंटिफिक सेशन से शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत व समापन साइंटिफिक सेशन से किया गया. इस दौरान डा अतुल वर्मा, डा एनके मिश्रा, डा जेएल साह, डा एचएन भारद्वाज, डा प्रियदर्शी रंजन, डा एपी सिन्हा, डा संतोष शाही, डा लक्ष्मण झा, डा अरविंद कुमार, डा विजय कुमार, डा भारतेंदु कुमार, डा राजीव भूषण, डा केएन प्रसाद व डा अरुण कुमार ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये.
कहा, हमेशा से स्थानीय शाखा सफल कार्यक्रम को आयोजित करने में अग्रणी रहा है. मौके पर डा आरके यादव, डा राजेश कुमार सुमन, डा अंजु सिंह समेत सैकड़ों महिला व पुरुष चिकित्सक भी मौजूद थे.

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