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जिले के जांचघरों में महिला टेक्निशियनों का अभाव

सरकारी अस्पताल में भी महिला टेक्निशियन नहीं जांच के समय कर्मियों का भी लगा रहता है आना-जाना जांच कराने में असहज स्थिति का करना पड़ता है सामना सीतामढ़ी : जिले में जांच घरों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. संचालक मोटा मुनाफा भी कमा रहे है. चिकित्सक भी खुश है. स्वास्थ्य विभाग भी […]

सरकारी अस्पताल में भी महिला टेक्निशियन नहीं

जांच के समय कर्मियों का भी
लगा रहता है आना-जाना
जांच कराने में असहज स्थिति
का करना पड़ता है सामना
सीतामढ़ी : जिले में जांच घरों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. संचालक मोटा मुनाफा भी कमा रहे है. चिकित्सक भी खुश है. स्वास्थ्य विभाग भी सबकुछ देख कर भी अनदेखा बना हुआ है. सबके बावजूद एक सच यह भी है कि जिले के जांचघरों में महिला टेक्निशियन का अभाव है. जिसका परिणाम है कि शुल्क देने के बाद भी जांच के क्रम में महिलाएं अपनी समस्या को पुरुष टेक्निशियन रहने के कारण संकोचवश खुल कर नहीं कह पाती हैं. खासतौर पर अल्ट्रासाउंड कराते वक्त महिलाएं शर्म से शर्मसार हो जाती है.
दिलचस्प यह भी है कि निजी जांचघरों की बात छोड़ भी दें तो सदर अस्पताल समेत जिले के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी महिला टेक्निशियन नहीं है. जिस कारण गांव से लेकर शहर तक समाज के सभी वर्ग के लोगों की जांच पुरुष टेक्निशियन के सहारे हो रहा है. महिला टेक्निशियन की कमी रहने के कारण मजबूरी में अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे कराना परिजनों की मजबूरी बन जाती है. वे अल्ट्रासाउंड कक्ष में चिकित्सक की उपस्थिति को स्वीकार कर ले रहे हैं, लेकिन कक्ष में कर्मियों के आने-जाने का विरोध करना उन्हें महंगा पड़ जाता है.
चिकित्सक जांच करने से मना कर उन्हें बाहर निकालने की धमकी तक दे डालते है. सोमवार को जांच कराने पहुंची कुछ महिलाओं ने बताया कि एक तो महिला टेक्निशियन नहीं है, ऊपर से कक्ष में जांचघर के कर्मियों का आना-जाना लगा रहता है. सब जानते है कि अल्ट्रासाउंड के दौरान महिलाओं के वस्त्र ऊपर-नीचे हो जाते है.

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