सीतामढ़ी : रीगा चीनी मिल क्षेत्र के ईंख उत्पादक किसानों को पिछले वर्ष के ईंख मूल्य के बकाया का भुगतान अब तक नहीं हो सका है.
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गन्ना किसानों का 20 करोड़ बकाया
सीतामढ़ी : रीगा चीनी मिल क्षेत्र के ईंख उत्पादक किसानों को पिछले वर्ष के ईंख मूल्य के बकाया का भुगतान अब तक नहीं हो सका है. जिसके चलते इस मिल से जुड़े करीब 40 हजार किसानों में मिल प्रबंधन तथा सरकार के प्रति आक्रोश है. जानकारी के अनुसार करीब 15 से 20 करोड़ रुपया अब […]
जिसके चलते इस मिल से जुड़े करीब 40 हजार किसानों में मिल प्रबंधन तथा सरकार के प्रति आक्रोश है. जानकारी के अनुसार करीब 15 से 20 करोड़ रुपया अब भी ईंख मूल्य के रूप में किसानों का बकाया चल रहा है. मिल प्रबंधन ने यह घोषित कर दिया है
कि वर्तमान हालात में ईंख मूल्य का भुगतान संभव नहीं है. प्रबंधन ने सरकार को भी पत्र लिखकर बताया है कि कंपनी की आर्थिक स्थिति नाजुक दौर में चल रही है. इसकी सहायक इकाई डिस्टिलरी प्लांट भी बंद है. बैंक तथा अन्य वित्तीय संस्थानों ने पैसा देने से इनकार कर दिया इस स्थिति में सरकार ही कुछ रास्ता निकाल सकती हैं.
किसानों के सामने अब यह समस्या हो गयी है कि इस साल के करीब 50 लाख क्विंटल उत्पादित ईंख को किस मिल में भेजा जाये? यहां से किसी भी चीनी मिल की दूरी 150 किलोमीटर से ऊपर है जहां ईंख ले जाना किसानों के क्षमता के बाहर है. अभी तक मिल प्रबंधन ने यह जानकारी नहीं दी है कि इस वर्ष ईंख की पेराई कब से शुरू होगी. न ही किसानों को परिचय-पत्र ही दिया गया है.
डीएम को सौंपा स्मार-पत्र
बिहार राज्य ईंख कास्तकार संघ के सचिव नागेंद्र प्रसाद सिंह ने पिछले एक नवंबर को डीएम से मिल कर उन्हें स्मार-पत्र दिया. जिसमें कहा की मिल के प्रबंध निदेशक सार्वजनिक रूप से घोषणा कर रहें है की वर्तमान परिस्थिति में मिल चलाना तथा ईंख मूल्य का भुगतान संभव नहीं है. ऐसी परिस्थिति में प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए की किसानों के ईंख का निष्पादन समय पर हो.
शादी-ब्याह व पढ़ाई पर लग गया ब्रेक
यहां ईंख उत्पादकों के दो संगठन बिहार राज्य ईंखोत्पादक संघ तथा संयुक्त किसान संघर्ष मोरचा लगातार इस मुद्दे पर सरकार तथा प्रबंधन को समस्या से अवगत करा रही है, बावजूद इसके अभी तक कोई सकारात्मक कदम सरकार द्वारा नहीं लिया गया है. अगर यही स्थिति बनी रही तो क्षेत्र में किसानों की स्थिति और दयनीय हो जायेगी. कई किसानों ने बताया कि पिछले दो वर्ष से उनके बच्चे की पढ़ाई लिखाई, शादी विवाह आदि रूक गये हैं.
भुगतान संभव नहीं
ईंखोत्पादक संघ के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि संघ निरंतर किसानों की लड़ाई लड़ रही है, लेकिन जब तक सरकार के स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं होगी वर्तमान परिस्थिति में भुगतान संभव नहीं है.
नागेंद्र प्रसाद, ईंखोत्पादक संघ के अध्यक्ष
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