कामयाबी. ठेकेदार को कुछ युवकों ने चोरी का तार बेचने की पेशकश की थी
विशेष टीम ने की कार्रवाई, अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारीफोटो -9-अपराधियों के साथ प्रेस को संबोधित करते डीएसपी और थानाध्यक्ष.
ए- थाने में जब्त चोरी के तार व पिकअप. प्रतिनिधि, बिक्रमगंजबिक्रमगंज और सूर्यपुरा थाना क्षेत्र में बिजली के तार की चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. इस मामले में चोरी के तार के साथ दो अपराधियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया, जबकि करीब पांच अन्य आरोपित मौके से फरार हो गये. इस कार्रवाई को लेकर बिक्रमगंज एसडीपीओ (डीएसपी) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. डीएसपी ने बताया कि बिजली विभाग और ठेकेदार मुन्ना सिंह से मिली सूचना के बाद पुलिस टीम ने योजना बनाकर कार्रवाई शुरू की. ठेकेदार को कुछ युवकों ने चोरी का तार बेचने की पेशकश की थी, जिसकी जानकारी उन्होंने विभाग और पुलिस को दी. इसके बाद एसआइ प्रदीप मंडल और विकास कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गयी. टीम ने मोबाइल ट्रैकिंग के जरिये लगातार निगरानी की. डीएसपी ने बताया कि जैसे ही गाड़ी शहर की सीमा में दाखिल हुई, पुलिस ने सावधानीपूर्वक उसका पीछा करना शुरू किया. बिजली कार्यालय के गेट पर गाड़ी पहुंची, तो पुलिस ने चारों ओर से घेराबंदी कर दी. अचानक कार्रवाई से घबराये आरोपित इधर-उधर भागने लगे. लेकिन, पुलिस ने दो युवकों को मौके पर ही दबोच लिया. गिरफ्तार किये गये युवकों में एक बड़कागांव निवासी अवध किशोर पांडे का पुत्र मोनू पांडे और दूसरा पड़रिया गांव निवासी श्रीराम सिंह यादव का पुत्र नीतीश कुमार है. बाकी पांच आरोपित भागने में सफल रहे, लेकिन उनकी पहचान कर ली गयी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जायेगा. डीएसपी ने बताया कि यह कार्रवाई बेहद चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन टीम की सतर्कता और योजनाबद्ध रणनीति के कारण सफलता मिली. उन्होंने बताया कि पकड़े गये तार की अनुमानित कीमत करीब आठ लाख रुपये है. यह सरकारी संपत्ति है और किसानों के लिए बिजली आपूर्ति में इसका उपयोग होता था.
ठेकेदार की ईमानदारी मिली कामयाबी : एसडीओ
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के सहायक विद्युत अभियंता राजकुमार ने बताया कि हम लोग काफी दिनों से बिजली के तार चोरी होने की घटना से परेशान थे. इसी बीच कंपनी के ठेकेदार मुन्ना सिंह ने बताया कि कुछ लड़के चोरी का कटा हुआ तार बेचने की पेशकश कर रहे हैं. हम लोगों ने वरीय अधिकारियों से विचार-विमर्श कर पुलिस को सूचित किया. इसके बाद सारे मामले का पर्दाफाश हुआ. हम लोग भी तार के साथ सभी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए पूरी रात जगे हुए रहे. उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया कि पूरी रात पुलिस टीम भी सक्रिय रही, तब जाकर इतनी बड़ी सफलता मिली है. सहायक अभियंता ने पकड़े गये चोरी के तार की अनुमानित कीमत करीब आठ लाख रुपये बतायी. सहायक अभियंता ने इसका पूरा श्रेय ठेकेदार मुन्ना सिंह की ईमानदारी को दिया. कहा अगर ठेकेदार चाहते तो वह इसे औने-पौने दाम पर खरीद कर अपना काम चला सकते थे, लेकिन उन्होंने ना सिर्फ अपनी ईमानदारी का परिचय दिया, बल्कि विभाग को भी सम्मानित कर दिया. इसके लिए उन्हें सम्मानित किया जायेगा. इस घटना ने बिजली विभाग की उन परेशानियों को उजागर कर दिया है, जो लगातार तार चोरी की वजह से झेलनी पड़ रही है. बिक्रमगंज थाना क्षेत्र में हाल के दिनों में तार चोरी की चार प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इनमें कुल 23 लाख 72 हजार रुपये से अधिक के तार की चोरी हुई है.
तार चोरी की घटनाओं पर एक नजर
-1 अप्रैल को जमोढी से ही 30 पोल का तार चोरी (अनुमानित मूल्य 7,30,100 रुपये).-पांच अप्रैल की रात जमोढी गांव से 40 पोल का तार चोरी (अनुमानित मूल्य 9,12,625 रुपये).
-18 मार्च की रात करमैनी गांव से 17 पोल का तार चोरी (अनुमानित मूल्य 1,82,525 रुपये).-31 मार्च की रात पुरंदरपुर गांव से 20 पोल का तार चोरी (अनुमानित मूल्य 5,47,575 रुपये).
-इसके अतिरिक्त 7 अप्रैल की रात सूर्यपुरा प्रखंड के पड़रिया गांव में पइन क्षेत्र से 28 पोल तार और 25 केवीए ट्रांसफाॅर्मर का कॉयल भी चोरी कर लिया गया, जिसकी प्राथमिकी सूर्यपुरा थाने में दर्ज की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

