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बिहार चुनाव. गांव में जाने के लिए सड़क नहीं, नदी से लाकर पानी पीते हैं वनवासी

पहाड़ की दो पंचायतों में अब तक नहीं पहुंचे प्रत्याशी, 19 प्रत्याशियों में से एक ने नहीं ली सूद, वनवासियों की समस्याओं से रूबरू होने में कतरा रहे प्रत्याशी

रजी अहमद खान, अकबरपुर दूसरे चरण के लिए चुनाव-प्रचार जोर-शोर से चल रहा है. लेकिन, एक सप्ताह बाद भी चेनारी विधानसभा क्षेत्र के उन्नीस प्रत्याशियों में से किसी ने भी पहाड़ पर बसे दो पंचायत के लगभग सोलह हजार मतदाताओं से वोट मांगने गये हैं. बाजार करने आये अकबरपुर में दर्जनों वनवासी ने कहा कि अब तक कोई नेता हमलोगों के बीच नहीं आये हैं. और न ही हमलोगों की समस्या से रू-रू हुए हैं. हमेशा से सभी नेता अंतिम समय में आकर सड़कों पर घूम जाते हैं और अपना कॉलम पूरा कर लेते हैं. मगर गांव में घर-घर या गलियों में नहीं जाकर लोगों की समस्या से रू-ब-रू होते हैं, सभी नेता बन वासियों की समस्या से नजर चुराते हैं. इस वजह से अब तक बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य व शिक्षा से हम सभी सोलह हजार मतदाता वंचित हैं. बताते चलें कि रोहतास गढ़ पंचायत व पीपरडीह पंचायत का क्षेत्रफल लगभग सत्तर किलोमीटर है, जिसे अक्सर कोई नेता नहीं घूम पाते हैं और जो घूमना भी चाहते हैं, तो उनका पसीना छूट जाता है. सभी पार्टियों अपने-अपने कार्यकर्ता और गांव के मुख्य आदमी पर ही निर्भर रहते हैं. मतदान के दिन मत करने के लिए यह लोग सभी मतदाता को अपने-अपने घरों से बुथ तक पहुंचाते हैं. इन सब बातों से परेशान बड़का बुधवा के ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार करने की ठानी है. ग्रामीण वोट बहिष्कार की खबर अखबार के माध्यम से अधिकारी एवं नेताओं तक पहुंचने की बात कर रहे हैं. बता दें कि चेनारी विधानसभा क्षेत्र में दूसरे चरण के 11 तारीख को मतदान होना है और खबर लिखे जाने तक वनवासियों के पास नेताओं की प्रचार गाड़ी या नेताओं का दर्शन लोगों को नहीं हुआ था. कहते हैं ग्रामीण अभी तक एक भी प्रत्याशी नहीं आये हैं, जिससे कि नेताओं को अपनी समस्या बता सके. मेरे गांव में जल की बहुत समस्या है, सोलर से लगा टंकी खराब हो चुका है, नदी से पानी लाकर पी रहे हैं. आखिर हम लोगों की कौन सुनेगा. -अनीता देवी, सतगलिया, पहाड़ पर घर है. गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. पानी की जटिल समस्या है. अब तक कोई नेता नहीं आया हैं, शायद अब आना शुरू करें, कौन कौन खड़ा हुआ है, हमलोग अभी नहीं जानते हैं. मनोज सिंह, बांडा हमलोगों की समस्याओं से नेता भागते हैं. अब तक कोई नेता नहीं पहुंचे. खड़े तो बहुत लोग हैं, मगर कुछ लोग को जानते हैं, अब तो प्रचार का एक सप्ताह बचा है देखिए कब से नेता पहाड़ पर चढ़ते हैं.- रवींद्र साव, बड़का बुधवा हमलोग अपने गांव में वोट बहिष्कार कर रहे हैं. गांव के लोग मतदान नहीं करेंगे. कोई भी नेता समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं. अभी तक कोई प्रत्याशी नहीं आए हैं और अब कब आयेंगे. अर्जुन कुमार, बड़का बुधवा गांव में जाने का रास्ता नहीं हैं. पुलिया जो नेता बनायेगा, उसको वोट हमलोग देंगे. अभी तक किसी नेता का दर्शन नहीं हुआ है. पहाड़ पर आने से लोग कतराते हैं.- फुलझरिया देवी, कोड़ियारी कौन कौन खड़ा हुआ है, अभी तक हम लोगों को पता नहीं है. कोई प्रत्याशी पहाड़ नहीं चढ़े हैं, जो भी आयेंगे उन्हें पहाड़ की समस्या सुनना होगा. और उसे दूर करना पड़ेगा.- भगवान यादव, बंडा

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