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Sasaram News : प्रसूता की मौत के बाद फिर एक्टिव हुआ विभाग, सील करने का आदेश

वैसे तो पूरे जिले में अवैध क्लिनिक संचालित होते रहे हैं और हो भी रहे हैं. पर, वैसे अवैध क्लीनिक चर्चा में आ जाते हैं, जिनके यहां कोई घटना हो जाती है.

काराकाट़ वैसे तो पूरे जिले में अवैध क्लिनिक संचालित होते रहे हैं और हो भी रहे हैं. पर, वैसे अवैध क्लीनिक चर्चा में आ जाते हैं, जिनके यहां कोई घटना हो जाती है. हाल के दिनों में अवैध क्लिनिक में घटना को लेकर काराकाट प्रखंड का मुख्यालय गोड़ारी ज्यादा चर्चा में रहा है. सात जुलाई को प्रसव के दौरान ऐसे ही एक अवैध क्लिनिक में एक प्रसूता की मौत हो गयी. हालांकि, उसका बच्चा सही सलामत है. बड़ी बात यह कि महिला की मौत होते ही, जैसा की हमेशा से होते आ रहा है अवैध क्लिनिक संचालक ताला बंद कर फरार हो गया. फिर, स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े अधिकारी सिविल सर्जन देर शाम पहुंचे. घटना का जायजा लिया और अवैध क्लिनिक को सील करने का निर्देश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया. दूसरे दिन मंगलवार की शाम चार बजे तक हैदराबाद से मृतक महिला का पति गांव लौटा नहीं था. इसके कारण प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी और ना ही अवैध क्लिनिक के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई हुई. हो सकता है, कार्रवाई दूसरे-तीसरे दिन हो. पर, देर से असंतोष बढ़ता है और अपराध करने वालों को बचने का मौका मिलता है, ऐसा गोड़ारी की जनता का मानना है. तभी तो स्थानीय लोग कहने लगे हैं कि अवैध क्लीनिक संचालित हो कैसे जाते हैं? जबकि पूरा महकमा प्रखंड मुख्यालय में रहता है. — पहले भी हुआ सील, फिर हो गया संचालन केस-1 : 2 नवंबर 2023 को मां इमरजेंसी नर्सिंग होम गोड़ारी अवैध मानते हुए प्रशासन ने उसे सील कर दिया था. फिर, कुछ माह बाद वह दोबारा संचालित होने लगा था. इसी बीच 14 अक्तूबर 2024 को बघैला थाना क्षेत्र के श्रीनगर गांव निवासी दशरथ पासवान की पतोहू ममता देवी का प्रसव के लिए ऑपरेशन के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गयी थी. एफआइआर दर्ज हुई थी. कार्रवाई किस तरह की हुई कि वह फिर से कुछ दिनों बाद संचालन होने लगा. केस- 2 : सात जुलाई 32024 को गोड़ारी स्थित जनता नर्सिंग होम में प्रसव के लिए ऑपरेशन के दौरान जयश्री गांव की संगीता कुमारी की मौत हो गयी थी. इसे भी प्रशासन ने सील कर दिया था. लेकिन, यह नर्सिंग होम भी संचालित होने लगा था. क्यों और कैसे इसका संचालन हो रहा है, इसका जवाब स्वास्थ्य विभाग अधिकारी नहीं देते. केस-3 : 2024 में ही धवनी और गम्हरियां गांव की प्रसव पीड़ित महिलाओं की मौत हो गयी थी. अवैध क्लीनिक पर जमकर हंगामा हुआ था. पुलिस आयी और साथ में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी आये थे. पीछे के दरवाजा से डॉक्टर ने ओटी का सामान गायब कर दिया था. इन सबके बावजूद फिर से क्लिनिक संचालित होने लगा. क्या कहते हैं सिविल सर्जन- घटना के बाद देर शाम गोड़ारी पहुंचे सीएस डॉ मणीराज रंजन ने कहा कि अवैध क्लिनिकों के विरुद्ध छापेमारी का आदेश सीएचसी प्रभारियों को है. अवैध क्लिनिकों के विरुद्ध सील करने का प्रावधान है. लेकिन, कुछ जानकारी मिली है कि पकड़े गये क्लिनिक का नाम बदल उसे पुन: संचालित किया जाता है. कुछ आशा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध शिकायत है कि वे सरकारी अस्पताल से प्रसव के अंतिम माह में मरीज के परिजनों को बहला कर कमीशन के चक्कर में ऐसे क्लिनिकों में ले जाते हैं. वैसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. इन्हीं लोगों के कारण सरकारी अस्पतालों में प्रसव दर में कमी आयी है. फर्जी क्लिनिकों के रोकथाम के लिए पुनः प्रखंडों में एक टीम बनाकर काम किया जायेगा.

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