अकबरपुर. 12 फरवरी 2020 को रोहतासगढ़ किला में जब रोपवे का कार्य आरंभ हुआ, तो सरकार ने संवेदक को तैयार करने को मात्र दो वर्षों का समय दिया था. शुरुआती दौर में बड़ी तेजी से कार्य भी किया गया, मगर धीरे-धीरे पांच वर्ष बीत गये और कई बार ऐसा मौका आया कि लोगों को लगा कि अब उद्घाटन हो जायेगा. मगर अब ऐसा लगता है कि रोपवे को नजर लग गयी है और इसके उद्घाटन का समय खिसकता जा रहा है. अब जबकि स्थल पर ट्रॉली गिर गयी और एक दो लटकने भी लगी है, तो लोगों में आस जग गयी कि और अब रोपवे का उद्घाटन अक्तूबर में होने की संभावना है. ज्ञात हो कि वर्ष 2012 में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैमूर पहाड़ी के रेहल में दौरा के दौरान यह घोषणा की थी कि रोहतासगढ़ किला को पर्यटक स्थल घोषित कर रोपवे का निर्माण किया जायेगा. अब बिहार के साथ पूरे देश के पर्यटकों को यह जान कर और पढ़ कर खुशी होगी कि यह लगभग दो माह में चालू कर दिया जायेगा. 2020 में जब इस योजना को सरकार ने रोपवे एंड रिसोर्स प्राइवेट कंपनी लिमिटेड कलकत्ता को सौंपी थीं, तो दो वर्ष में तैयार करना था, कंपनी भी 12 फरवरी 2020 को कार्य प्रारंभ कर दिया, इस बीच कोरोना काल आया और सब कार्य बंद हो गया. अब चालू होने के लगभग पांच वर्ष के लंबे इंतजार के बाद रोपवे का कार्य पूरा हो रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2012 में किला के निरीक्षण कर इसके विकास की घोषणा की थी. उसी वर्ष राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1500 फुट की ऊंचाई पर स्थित रोहतास किला तक रोपवे निर्माण का फैसला लिया था. रोपवे निर्माण व चौरासन मंदिर से किला तक सड़क निर्माण दोनों को 12 करोड़ 65 लाख रुपये की स्वीकृत दिलायी थी. आचार संहिता लगने से पहले सीएम नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन करने आने की संभावना है. रोपवे में मात्र दो स्टेशन रोपवे रोहतास प्रखंड मुख्यालय के पास नर्सरी से चौरासन मंदिर के धर्मशाला तक ही रहेगा, पर्यटकों को मंदिर का दर्शन कर रोहतास गढ़ किला तक स्थानीय गाड़ी या पैदल ही जाना होगा, जिसकी दूरी दो किलोमीटर लगभग होगी. # सड़क का भी होगा निर्माण वहीं, मंदिर से किला तक सड़क का भी निर्माण जल्द होना है. साथ ही स्थानीय लोगों ने कहा कि मंदिर के पास जो स्टेशन बनाया जा रहा है उसमें अभी भी बहुत काम बिल्डिंग का करना है, जो दूसरे संवेदक के जिम्मे में है, अब देखना यह है कि विभाग इससे कैसे निबटता है और जो समय निर्धारित किया है उस समय चालू होता है या नहीं. # एक नजर रोपवे पर कुल टावर – सात, इसमें एक लोअर व एक अपर शामिल कितनी दूरी : 1300 मीटर ट्राॅली – आरंभ में 12, बाद में 18 स्टेशन :- दो, पहला नर्सरी रोहतास, दूसरा धर्मशाला रोहितेशवर मंदिर कुल लगात:- आठ करोड़ # कहते हैं मुखिया वनवासियों को आने जाने की सुविधा नहीं होने के कारण आये दिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. आज भी स्वास्थ, शिक्षा, बिजली के साथ सड़क से दर्जनों गांव के लोग वंचित हैं. यह वनवासियों के लिए वरदान होगा. नागेंद्र यादव, मुखिया, रोहतास गढ़ पंचायत # कहते हैं वनवासी मेरा घर किला के सटे गांव बभन तलाव में है, बचपन से लेकर आज तक घाटी से ही आवा जाही करते आयें हैं, मुझे यह रोपवे सपना जैसा लग रहा है, इसके चालू होने से हमलोगों के परिवारों को कम से कम इलाज के लिए अच्छी सुविधा हो जायेगी. भरत यादव, ग्रामीण, बभन तलाव बोले जेपी सेनानी मेरी उम्र लगभग पचहत्तर वर्ष हो गयी है, और मुझे फक्र हो रहा है कि देश दुनियां से पर्यटक क्षेत्र में आयेंगे और रोपवे के आनंद के साथ साथ ऐतिहासिक मंदिर व किला का भ्रमण करेंगे, जिससे रोजगार का भी अवसर बढ़ेगा. रामबहादुर आज़ाद, जेपी सेनानी, ढेला बाद बोले आधिकारी अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में इसे चालू कर दिया जायेगा. रोपवे का कार्य अंतिम चरण में है. पर्यटकों के साथ साथ सभी लोग इसका लाभ उठायेंगे. खुर्शीद अहमद, कार्यपालक अभियंता, पुल निर्माण विभाग, गया
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

