सासाराम ऑफिस. इमाम हुसैन की शहादत की याद में सोमवार को सासाराम में या हसन, या हुसैन और या अली के नारों के साथ ताजिया का पहलाम हुआ. शहर के विभिन्न इमाम चौक से 52 लाइसेंसी ताजिया जुलूस निकाले गये. पहलाम का पहला जुलूस मोहल्ला शाहजुमा से शुरू हुआ, इसके बाद अन्य मुहल्लों की ताजिया भी कर्बला की ओर रवाना हुईं. जुलूस में बनाएये गये कर्बला के नक्शे वाली ताजिया व जर की ताजिया ने लोगों का ध्यान खींचा. दोपहर से शुरू हुआ पहलाम देर शाम तक चलता रहा. जानी बाजार, खिड़की घाट, दलेलगंज, सागर, आलमगंज, चौक बाजार, मदार दरवाजा, चौखंडी, मंडई, गांधीनीम, अड्डा रोड, छोटा शेखपुरा, कोठी शहीद, शेरगंज, शाहजुमा, नवरतन बाजार, मोची टोला, बस्ती मोड़ होते हुए कर्बला में पहलाम हुआ. देहात से आया जुलूस भी तकिया रेलवे गुमटी से कर्बला पहुंचा. पूरे मार्ग में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली. ताजिया के साथ युवाओं ने पारंपरिक हथियारों के साथ करतब दिखाये. मरकजी मुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष मुन्ना खां व महासचिव अखलाक अहमद रिजवी ने बताया कि मुरादाबाद, तकिया, मोरसराय व कुम्हउ से भी लाइसेंसी ताजिया शहर में पहुंचीं थीं. जुलूस मार्ग पर जगह-जगह शरबत, पानी व लंगर की व्यवस्था की गयी थी. कई स्थानों पर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी देखने को मिली. नौजवान शबील कमेटी सहित अन्य संगठनों ने ताजिया के खलीफाओं को सम्मानित किया. मुहल्ला पठान टोली में ताजिया के दीदार के लिए अकीदत मंद देर शाम से ही पहुंचने लगे थे. यहां विभिन्न ग्रामीण इलाकों से आयी जर की ताजिया लोगों को काफी आकर्षित कर रही थी. प्रशासन ने संभाली कमान जुलूस के दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय रहा. शहर के 66 स्थानों पर 264 दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गईयी थी. 12 दंडाधिकारी और 8 पुलिस पदाधिकारी पालीवार गश्ती दल के रूप में तैनात थे. डीएम उदिता सिंह व एसपी रौशन कुमार स्वयं स्थिति की निगरानी करते रहे. जगह-जगह सीसीटीवी से भी निगरानी की जा रही थी. जुलूस में बच्चों की मौज रही. चाट, गोलगप्पा, रसमलाई की दुकानों पर बच्चों की भीड़ देखी गई. खिलौने की मांग को लेकर बच्चे अपने अभिभावकों से जिद करते नजर आए.
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