सासाराम ग्रामीण. लोक आस्था का चारदिवसीय महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ चार शनिवार से प्रारंभ हो जायेगा. इसको लेकर घर में तैयारी पूरी कर ली गयी है. इसको लेकर पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए बाजार में भीड़ उमड़ रही है. खास कर फल, नारियल, सूप आदि की दुकानों पर भीड़ लगी रही. आस्था के इस पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. नहाय-खाय के बाद नेम-निष्ठा का महापर्व का आगाज हो जायेगा. पर्व को लेकर चारों ओर भक्ति का वातावरण है. शनिवार को को नहाय-खाय के बाद रविवार को खरना और सोमवार को भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित किया जायेगा. इसी प्रकार मंगलवार की सुबह को उदीयमान स्वरूप को अर्घ दिया जायेगा. इसके बाद पारण होगा और उसी के बाद महापर्व का समापन होगा. इधर, छठ पूजा के लिए कोशी, पीतल का सूप, बांस का सूप, दउरा, साड़ी, गन्ना, नारियल, फल सहित पूजा की हर छोटे-छोटे सामान की खरीदारी तेज हो गयी है. गत वर्ष की तुलना में इस साल फल के दामों में इजाफा होने के बाद भी खरीदार पूरे उत्साह के साथ फल की खरीदारी करने में जुटे रहे. फलों के भाव में आयी तेजी फल व्यवसायी गोविंद कुमार ने बताया कि छठ पर्व को लेकर सजे बाजार में उत्तम क्वालिटी का सेब 1850 रुपये प्रति 11 किलो, घागर 20 रुपये प्रति पीस, गन्न 150 रुपये में पांच पीस, अनानस 35 रुपये प्रति पीस, नारियल 24 रुपये प्रति पीस व केला की कांधी 200 से 225 रुपये में बेचा जा रहा है. लाल, पीले वस्त्रों की बढ़ी मांग छठ पूजा से पहले साड़ी की दुकानों पर भी रौनक आ गयी है. पूजा में छठ मइया को चढ़ायी जाती है और पूजा करने वाली महिला भी नयी साड़ी में ही पूजा करती है. इसलिए, इस समय साड़ी की दुकानों पर भीड़ लगी हुई है. भक्त छठ मइया की पूजा नये वस्त्र में करते हैं. साथ ही इस समय चूड़ी, बिंदी सहित महिलाओं के साज-सज्जा की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ देखी जा सकती है. शहर के धर्मशाला रोड स्थित परिवार निकेतन के संचालक अंशु कुमार ने बताया कि अभी लाल व पीले-वस्त्रों की डिमांड अधिक है. छठव्रतियों के लिए के लिए लाल व पीले रंग की अधिक चुंदरी का डिमांड है. घर लौटने लगे परदेसी लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर परदेसी अपने-अपने घर आने लगे हैं. जिले के लोग रोजी-रोटी की तलाश में अन्य प्रदेशों में निजी व सरकारी नौकरी करते हैं, लेकिन छठ पर्व में घर लौट रहे हैं. इससे वाहनों में अधिक भीड़ देखने को मिल रही है. यात्री वाहनों में लोग खड़े होकर आने को मजबूर हैं. दिल्ली, आंध्र प्रदेश, मुंबई, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों ने बताया कि वे प्रत्येक वर्ष छठ पूजा में अपने घर आते हैं.
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