सासाराम सदर. सदर अस्पताल परिसर में बने मॉडल अस्पताल के उद्घाटन होने के डेढ़ महीने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधा शुरू नही हो सकी. ऐसे में मॉडल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा शुरू होने की लोगों की उम्मीदें धूमिल होते नजर आ रही हैं. मालूम हो कि 55 करोड़ की लागत से बने 200 बेडों का मॉडल अस्पताल विगत 14 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से आनन-फानन में उद्घाटन करा दिया. इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने उक्त अस्पताल में 15 दिनों के भीतर चिकित्सा सेवा शुरु होने का वादा कर दिया. लेकिन, मॉडल अस्पताल का भवन तो बन गया पर, स्वास्थ्य सुविधा जस की तस है. वर्तमान समय में ट्राॅमा सेंटर और सीएस कार्यालय जाने के रास्ते में बारिश का पानी भरा हुआ है. ट्राॅमा सेंटर में गंभीर स्थिति में आने वाले मरीजों को एक्स-रे और सीटी स्कैन के लिए ओपीडी विभाग में ले जाना पड़ता है. इसकी दूरी करीब एक सौ मिटर है. लेकिन, उस रोड में जलजमाव व कीचड़ की स्थिति है. ऐसे में स्ट्रेचर पर मरीजों को लेकर जाने में परेशानी हो रही है. सड़क पर जलजमाव के कारण बाइक व चारपहिया वाहनों को भी आने-जाने में परेशानी हो रही है. एक ही छत के नीचे मिलनी है, सारी स्वास्थ्य सुविधाएं चार मंजिल बनी इस बिल्डिंग में एक ही छत के नीचे सारी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करानी है. इस मॉडल अस्पताल में कुल 200 बेडों की व्यवस्था करनी है. इसमें मरीजों के लिए ओपीडी, इमरजेंसी, सीटी स्कैन, एमआरआइ, एक्स-रे जैसी जांच की सुविधाओं के साथ एक ही छत के नीचे हर तरह का इलाज उपलब्ध कराना है. इसको लेकर सदर अस्पताल को अत्याधुनिक मॉडल अस्पताल के रूप में तैयार करना था. उक्त परियोजना जिला के स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को नया आयाम देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है. इसके शुरू होने से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों का समुचित इलाज हो सकेगा. लेकिन, निर्माण एजेंसी द्वारा अर्धनिर्मित भवन का जैसे-तैसे में उद्घाटन तो करा दिया गया. इसके बाद बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने की लोगों में उम्मीद जग गयी. अब जैसे-जैसे समय बीत रहा है, लोगों का विश्वास कम होते जा रहा है. लोगों के अनुसार, अगर इस मॉडल अस्पताल में चिकित्सा सेवा जितनी जल्दी उपलब्ध हो सकेगी. लोगों को उतना ही जल्द बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा. इस संबंध में जानकारी के लिए सिविल सर्जन डॉ मणिराज रंजन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार से बात करने की कोशिश की गयी. लेकिन, फोन नहीं लगा. वहीं, अस्पताल प्रबंधक अजय कुमार द्वारा फोन रिसीव नहीं करने के कारण किसी का पक्ष नहीं लिया जा सका.
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