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ऑनलाइन भू-दस्तावेज निकालने पर मिल रही हैं कई त्रुटियां

भूमि सर्वे को लेकर किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब किसान अपनी भूमि के ऑनलाइन दस्तावेज की प्रतियां निकाल रहे हैं, तो उसमें रकबा, खाता व प्लॉट नंबर में त्रुटियां मिल रही हैं.

चेनारी. भूमि सर्वे को लेकर किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब किसान अपनी भूमि के ऑनलाइन दस्तावेज की प्रतियां निकाल रहे हैं, तो उसमें रकबा, खाता व प्लॉट नंबर में त्रुटियां मिल रही हैं. इससे किसान चिंतित होने लगे हैं. जब इसके कारणों के बारे में पता किया गया, तो जानकारी मिली कि राजस्व कर्मचारी के पास जमीन से संबंधित जो दस्तावेज उपलब्ध हैं, वह कटे-फटे अवस्था में हैं. इसी अवस्था में दस्तावेज को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिसकी प्रति निकालने पर कुछ स्पष्ट पता नहीं चल रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों को हो रही है, जिनकी जमीन उनके पूर्वजों के नाम से है. ऐसे परिवार के कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें अपनी जमीन के खाता, प्लॉट व रकबा के बारे में मौखिक जानकारी नहीं है. अब ऐसे में किसानों को अपनी जमीन के दस्तावेज की त्रुटि में सुधार करने में पसीना छूट रहा है. किसानों का कहना है कि जब तक दस्तावेज में सुधार नहीं होगा, तब तक सर्वे का पूरा काम कराने में दिक्कत होगी. काफी किसानों द्वारा परिमार्जन, दाखिल-खारिज व नाम हस्तांतरण के लिए दिये गये आवेदन का निबटारा नहीं किया गया है. हालांकि, इन आवेदनों का निबटारा करने के लिए अंचल कार्यालय द्वारा शिविर लगाया जा रहा है. सदोखर के किसान शंकर राम, नुआंव के किसान रंजीत शर्मा, अजय शर्मा आदि ने बताया कि वह अपनी भूमि की ऑफलाइन रसीद कटाकर सभी मालगुजारी जमा कर दी हैं. लेकिन, जब ऑनलाइन खाते की मालगुजारी की करंट रसीद कटायी, तो मेरे एक खाते में 16 वर्ष और दूसरे खाते में छह वर्ष की मालगुजारी जमा शो नहीं कर रहा है. अन्य किसानों ने बताया कि उनकी भूमि की विवरणी ऑनलाइन की गयी है. लेकिन, किसी का खाता तो किसी का प्लॉट शो नहीं कर रहा है.

त्रुटिपूर्ण कागजात से कैसे कराएं सर्वे :

किसानों ने यह भी बताया कि किसी की जमीन का रकबा अधिक तो किसी की कम चढ़ा शो कर रहा है. इस कारण ऑनलाइन कागजात निकालने पर त्रुटिपूर्ण दिख रहा है. त्रुटियों को ठीक कराने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं. साइबर कैफे से लेकर अंचल कार्यालय और सर्वे दफ्तर तक किसानों की काफी भीड़ लग रही है. किसानों का कहना है कि जब तक भूमि के कागजात की त्रुटियों में सुधार नहीं हो जाता है, तब तक सर्वे अधिकारियों के पास त्रुटिपूर्ण भूमि का कागजात जमा करने से किसानों को सर्वे का लाभ नहीं मिल सकेगा

क्या कहती हैं अंचलाधिकारी

इस संबंध में अंचलाधिकारी पूजा शर्मा का कहना है कि जिन किसानों के ऑनलाइन दस्तावेज में त्रुटि है, उनमें सुधार के लिए परिमार्जन का काम चल रहा है. इसके माध्यम से रकबा, खाता, प्लॉट आदि का सुधार किया जा रहा है. किसानों को कोई दिक्कत नहीं होगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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