कोचस. मोंथा तूफान ने किसानों को खून के आंसू रुला दिया है. उनके आंखों के सामने ही खेतों में पसीने की गाढ़ी कमाई बर्बाद हो रही है. किसान चाह कर भी इसे बचाने में असमर्थ हैं. अगले कुछ दिनों में खेतों से कटने के लिए तैयार धान की फसल इस बारिश से चौपट है. सब्जी व अन्य नकदी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. मध्यम वर्गीय किसानों की कड़ी मेहनत से धान की फसल तैयार हो गयी थी. इसमें कुछ किसान अपने फसलों को काट कर खलिहानों में रखने की तैयारी शुरू कर दी थी. वहीं, अधिकतर किसानों की फसल अभी खेतों में खड़ी है. इस दौरान बेमौसम बरसात ने तैयार हो चुके धान की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है. बुधवार की देर रात, गुरुवार और शुक्रवार को पूरे दिन हुई बारिश के बाद विभिन्न गांवों में किसानों के खलिहानों में पानी जमा हो गया है. वहीं, कई वैसे किसान, जो अब तक धान की कटनी नहीं करा पाये हैं, उनकी धाल की फसल खराब हो रही है. कम बारिश के बावजूद किसानों की कड़ी मेहनत व हथिया नक्षत्र में बारिश होने से इस बार धान की पैदावार उम्मीद के मुताबिक हुई थी. इसे देख किसान खुश नजर आ रहे थे. किसानों को उम्मीद थी कि धान को बचाने में जो उन्हें महंगा डीजल फूंकना पड़ा है व भीषण गर्मी के बीच खेतों में कड़ी मेहनत करनी पड़ी है. इस बार उसकी भरपाई बेहतर उत्पादन से हो जायेगा. लेकिन, फसल तैयार होते ही बारिश ने किसानों की इस उम्मीदों को धो दिया है.
तीन दिनों से हो रही बारिश से नकदी फसल को काफी नुकसान:
मोंथा तूफान के कारण पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से सब्जी फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. गौरतलब हो कि प्रखंड के सभी इलाकों में किसान बड़े पैमाने पर आलू, स्ट्राबेरी, गोभी, टमाटर, बैगन, मिर्च, मूली, पालक जैसे सब्जियों का उत्पादन करते हैं. किसानों के खेत से अब गोभी व टमाटर का उत्पादन शुरू होने वाला ही था. लेकिन, इस बारिश ने गोभी, टमाटर के अलावे अन्य लतेदार सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. इससे किसानों को दोहरा झटका लगा है.
बता दें कि इस खरीफ सीजन की शुरुआत से ही किसानों को मौसम की मार झेलनी पड़ी है. बरसात के शुरुआती दो महीनों में इस इलाके में नहीं के बराबर बारिश हुई थी. इस कारण धान की खेती करने वाले किसानों को पहले बिचड़ा बचाने व बाद में धान की फसल को सूखने से बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी.
क्या कहते हैं किसान-अशोक कुमार सिंह
2. बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. खेत में खड़े धान की लगभग 75 प्रतिशत फसलें बर्बाद हो गयी है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है. -विकास सिंह3. लगातार हुई बारिश से सब्जी समेत अन्य नकदी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. जब किसानों के घर फसल आने वाली
थी, तो बारिश हुई है.
-कुमार रुद्र प्रताप सिंह4. बारिश की वजह से धान की कटनी में विलंब होने से गेंहू की बुआई अब सही समय पर नहीं हो सकेगी. इससे इस बारिश का प्रभाव अगली फसल पर भी पड़ेगा.
-सुमन शेखर तिवारी
क्या कहते हैं अधिकारी बेमौसम बारिश से धान, सब्जी समेत अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इसका शीघ्र ही आकलन करा जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सुपुर्द की जायेगी. – चंद्रभूषण गुप्ता, बीडीओ कोचसडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

