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Sasaram News : जिले की तीन लाख से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास, मिलेंगे 10000 रुपये

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरे राज्य में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की घोषणा की गयी है.

सासाराम नगर. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरे राज्य में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की घोषणा की गयी है. इसका फायदा जिले के तीन लाख से अधिक महिलाओं को मिलेगा. हालांकि, यह सामान्य महिलाओं को लाभ नहीं मिलेगा. यह लाभ उन महिलाओं को दिया जायेगा, जो जीविका के विभिन्न समूहों से जुड़ी हुई हैं. हालांकि, जीविका समूह से नहीं जुड़ी हुई महिला भी आवेदन कर सकती है. लेकिन, उनको लाभ देने से पहले किसी न किसी जीविका समूह से जोड़ा जायेगा. शुरुआती दौर में महिलाओं को अपना रोजगार शुरू करने के लिए 10000 रुपये दिये जायेंगे. इसके बाद अधिकतम दो लाख रुपये की राशि दी जायेगी. अगर उनके उद्यम और आगे बढ़ाने के लिए राशि की जरूरत पड़ती है, तो राज्य सरकार मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और प्रधानमंत्री उद्यमी योजना के तहत उन्हें लाभ दिलाने का प्रयास करेगा. रविवार को डीआरडीए सभागार में करीब 210 जीविका दीदीयों की उपस्थिति में इस कार्यक्रम का शुभारंभ डीएम उदिता सिंह ने किया. मुख्यमंत्री महिला रोजगार के बारे में संबोधन के साथ किया. इस दौरान उपस्थित उप विकास आयुक्त विजय कुमार पांडे व जिला परियोजना प्रबंधक सुधीर बहादुर ने योजना की विस्तृत जानकारी उपस्थित दीदियों के साथ साझा किया. जिला परियोजना प्रबंधक सुधीर बहादुर ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और समाज में उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करना है. उप विकास आयुक्त विजय कुमार पांडे ने इसे महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक पहल बताया. उन्होंने कहा कि अब महिलाएं घरेलू कार्यों तक सीमित न रहकर व्यापार, उद्योग और सेवा क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनायेंगी. योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को सरकार की ओर से वित्तीय सहयोग दिया जायेगा, जिससे वे दुकान, सेवा केंद्र, सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर या लघु उद्योग जैसी पहल शुरू कर सकें. उन्होंने कहा कि इस योजना में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं होनी चाहिए. जिले में जीविका का 30000 से अधिक समूह, पर नहीं बना ब्रांड कार्यक्रम में उपस्थित दीदियों ने अपने-अपने उद्यम शुरू करने की इच्छाएं साझा कीं, जिनमें सिलाई-कढ़ाई केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण इकाई, दुकान और ब्यूटी पार्लर शामिल रहे. इससे यह स्पष्ट हुआ कि यह योजना महिलाओं में आत्मविश्वास और नयी ऊर्जा का संचार करेगी. हालांकि जिले में जीविका की 30000 समूह संचालित है. कुछ जीविका समूह सरकार से जुड़कर कार्य कर रही हैं और कुछ स्वरोजगार से जुड़ी हुई हैं. लेकिन, एक भी ऐसा समूह नहीं है, जिसको जिले में बड़ा नाम मिला हो और उनके उत्पाद बाजारों में डिमांड में हो. कार्यक्रम के दौरान दीदियों ने पटना में आयोजित मुख्य समारोह को वर्चुअल माध्यम से देखा और माननीय मुख्यमंत्री का संबोधन सुना. अधिकारियों ने महिलाओं से अपील की कि वह केवल वित्तीय सहायता प्राप्त करने तक सीमित न रहकर प्रशिक्षण के अवसरों का भी पूरा लाभ उठाएं व अपने काम के प्रति जिम्मेदारी व समर्पण दिखाएं.

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