बिक्रमगंज. बिक्रमगंज-पडरिया मुख्य मार्ग पर नगर प्रशासन की लीपापोती अब जनता की जान पर भारी पड़ रही है. हालात यह हैं कि हर साल 26 जनवरी व 15 अगस्त से ठीक पहले नगर पर्षद इस सड़क की लीपापोती के नाम पर लाखों रुपये खर्च करता है, लेकिन कुछ ही हफ्तों में वही सड़क फिर से जलजमाव और गड्ढों से भर जाती है. एक ही साल में दो-दो बार इसी मार्ग को बनाने में सरकारी धन बहाने के बावजूद अब तक इस मार्ग का स्थायी समाधान नहीं खोजा गया है, जिससे ग्रामीणों और नगरवासियों में भारी आक्रोश है. पडरिया गांव निवासी चंद्रप्रकाश सिंह इस समस्या को लेकर बीते दस दिनों से अनुमंडल कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. लेकिन अब तक उनकी मुलाकात अनुमंडलाधिकारी प्रभात कुमार से नहीं हो सकी है. वे लिखित आवेदन के माध्यम से सड़क की जर्जर स्थिति और जल निकासी की समस्या का स्थायी हल निकालने की मांग कर रहे हैं. कई मायनों में महत्वपूर्ण है यह मार्ग यह मार्ग न सिर्फ पडरिया गांव के लोगों के लिए अहम है, बल्कि नगर पर्षद के एक मात्र स्टेडियम, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बीएसएनएल कार्यालय, औद्योगिक क्षेत्र, आनंद नगर मुहल्ला और तेंदुनी टोला जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों के लोगों के लिए मुख्य आवागमन मार्ग है. यहीं नहीं स्टेडियम तक जाने वाला यही रास्ता हर साल सरकारी झंडोत्तोलन और बड़ी-बड़ी सभाओं का केंद्र रहता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्यक्रमों से पहले मिट्टी, ईंट और बालू से सड़क को अस्थायी रूप से ””””ठीक”””” किया जाता है, जिस पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं. लेकिन पहली ही बारिश में सारी व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है. विभागीय टालमटोल के कारण आज तक इस सड़क का स्थायी निर्माण नहीं हो पाया है. लोगों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी इस महत्वपूर्ण मार्ग के निर्माण को लेकर प्रशासनिक भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है. नगर पर्षद इसे सड़क विभाग का काम बताता है और सड़क विभाग इसे औद्योगिक क्षेत्र का मामला कहकर पल्ला झाड़ता है. नतीजतन, यह अहम मार्ग वर्षों से अधर में लटका है और जनता परेशान है. लेकिन अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर अब भी इस सड़क का स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. साथ ही उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्थल निरीक्षण कर जिम्मेदारी तय की जाए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो. स्थायी समाधान के लिए थोड़ा वक्त चाहिए : अनुमंडलाधिकारी अनुमंडलाधिकारी प्रभात कुमार ने इस समस्या के समाधान पर कहा कि अभी निर्वाचन का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है, साथ ही अनुमंडल की और भी कई योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है और यह काम भी महत्वपूर्ण है. इस लिए सभी विभागों से विचार विमर्श के बाद जल्द ही इसका स्थायी समाधान करने की कोशिश होगी. लेकिन, इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.
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