सासाराम ग्रामीण़ गंसाडीह पंचायत के मुखिया अमित कुमार सिंह उर्फ मंटू सिंह का परिवार रांची में रहता है. वह अपने पूरे परिवार के साथ गुरुवार की रात अपनी दो फाॅरचुनर गाड़ियों पर सवार होकर छठ मनाने के लिए अपने गांव सासराम मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जयपुर आ रहे थे. हस्ते खेलते पूरा परिवरा दो गाड़ियों से अपने गांव के लिए निकला था. आगे वाली गाड़ी पर अमित कुमार सिंह व उनके बॉडिगार्ड बैठे थे. पीछे वाली गाड़ी में उनके दो बच्चे व उनकी पत्नी बैठी थी. उनकी गाड़ी करीब 11 बजे रात में गया जिले के बाराचट्टी में आगे से जा रहे ट्रक में टक्कर मार दी. इससे मौके पर ही मुखिया अमित कुमार सिंह उर्फ मंटू सिंह की मौत हो गयी. उनके साथ बॉडीगार्ड की भी मौत हो गयी. हालांकि, जिस कार में मुखिया की पत्नी व बच्चे थे, वह कुछ दूरी पर पीछे से आ रही थी. गनिमत रहा कि पीछे से चल रही दूसरी गाड़ी दूरी होने के कारण वह दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई. घटना की सूचना जैसे ही उस रात जयपुर में पहुंची, लोग सन्न रह गये. पूरा इलाका गम में डूब गया. गंसाडीह पंचायत सहित आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ पड़ी. मुखिया की मौत की सूचना के बाद लोग जिस अवस्था में थे, उसी तरह घटनास्थल के लिए निकल पड़े. परिजनों की मौजूदगी में मुखिया का पोस्टर्माम हुआ. इसके बाद के शव शुक्रवार की सुबह जयपुर गांव पहुंचा. मुखिया के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. गांव के नदी किनारे उनका दाह-संस्कार किया गया. चार साल में क्षेत्र का विकास किये थे मुखिया मंटु सिंह
पंचायत के पैक्स अध्यक्ष विकास कुमार सिंह, विवेक कुमार सिंह सहित अन्य लोगों ने कहा कि मुखिया जी अपने कार्यकाल में बहुत ही काम किये है. जो कार्य क्षेत्र के 15 साल में नहीं हो सका था. उस कार्य को मुखिया जी ने चार वर्षों में पूरा किया है.
तीन बच्चे व पत्नी अपने पीछे छोड़ गये मंटूमुखिया अमित कुमार सिंह उर्फ मंटू अपने तीन भाईयों में दूसरे नंबर पर थे. उनके पिता रामबहादुर सिंह व उनके बड़े भाई विनय सिंह की मौत पहले हो चुकी है. वह रांची में वह जयपुर रहकर पूरा कार्यभार देखते थे. तीसरे नंबर पर गुडु सिंह, जो सरकारी शिक्षक हैं. मुखिया के दो बेटे व एक बेटी है. वह अपने पीछे तीन बच्चे व पत्नी को छोड़ कर चले गये.
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