सासाराम नगर.
एनडीए ने आज बिहार बंद का ऐलान किया है. उसके पहले बुधवार को एनडीए के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने देर शाम मसाल जुलूस निकाला और महागठबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के वोटर अधिकार यात्रा के मंच से पीएम की मां को अपशब्द कहने को लेकर भाजपा हमलावर है. अब उसके साथ इसमें जदयू, लोजपा आर और हम भी शामिल हो गये हैं. हालांकि इसके विरोध में भाजपा कांग्रेस कार्यालय के समक्ष राहुल गांधी का पुतला दहन कर विरोध जता रहे थे. तब एनडीए के अन्य घटक दल उनके इस कार्यक्रम में साथ नहीं थे. लेकिन, बिहार बंद को लेकर सभी पार्टियों ने एकजुटता दिखाते हुए मशाल जुलूस में शामिल हुई. शहीद भगत सिंह स्मारक से जुलूस शुरू होकर पोस्ट ऑफिस चौराहा होते हुए करगहर मोड़ से घुमकर समाहरणालय के पास समाप्त हो गया. जुलूस में भाजपा के बिहार प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ सचिन कुमार कुशवाहा, पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद, जदयू जिलाध्यक्ष अजय कुमार कुशवाहा, भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष पटेल, सन्नी देओल, संतोष कुमार, शिवनाथ चौधरी, पप्पु सोनी, जोगेंद्र कुशवाहा, अलख निरंजन श्रीवास्तव सहित कई नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए.गाली की संस्कृति के विरुद्ध आम जनता है दुखी : डॉ सचिन
गाली की संस्कृति के विरुद्ध बिहार की आम जनता दुखी है. आम जनता के इस दुख में एनडीए कार्यकर्ताओं का आक्रोश सम्मिलित है. ऐसे में पांच घंटे का बिहार बंद रख हम सभी अपना दुख और आक्रोश व्यक्त करेंगे. यह बात बिहार बंद की पूर्व संध्या पर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ सचिन कुमार सिंह कुशवाहा ने कही. उन्होंने कहा कि पीएम की मां किसी तरह की राजनीति में नहीं रही थीं. जो, राजनीति में रहता है, उसे तीखे सवालों से जूझना पड़ता है. लेकिन, गाली की संस्कृति न बिहार में रही है और न देश में. ऐसे लोगों की निंदा होनी चाहि. डॉ सचिन ने कहा कि चार सितंबर का बिहार बंद स्वत:स्फूर्त होगा. इस बंद से सभी आकस्मिक सेवाओं को दूर रखा गया है. उन्होंने बिहार के आम जन से बंद को सफल बनाते हुए, कांग्रेस-राजद को अपनी संस्कृति बताने की अपील की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

