आक्रोश मार्च के समर्थन में आये पूर्व सांसद सहित आरएलएम नेता पूर्व सांसद ने कहा-राणा सांगा एक योद्धा ही नहीं, बल्कि देश की धरोहर थे विवादित बयान के विरोध में दिखा आक्रोश फोटो-13- आक्रोश मार्च में शामिल औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील सिंह एवं अन्य. प्रतिनिधि, डेहरी नगर विगत दिनों सपा के सांसद रामजी लाल सुमन के द्वारा संसद में राणा सांगा पर दिये गये विवादित बयान के विरोध में शहर में बुधवार को आक्रोश मार्च निकला. आक्रोश मार्च वीर कुंवर सिंह चौक से सैकड़ों की संख्या में दोपहिया, चारपहिया, ट्रैक्टर, पैदल कुंवर राणा कल्याण सामाजिक संस्था के बैनर तले काला पोशाक धारण किये हुए सिर पर केसरिया रंग की पगड़ी बांधे हुए जय भवानी के नारे के साथ निकाला गया. इस आक्रोश मार्च के समर्थन में औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील सिह, आरएलएम के नेता आलोक सिंह शामिल हुए. आक्रोश मार्च में कुंवर राणा कल्याण सामाजिक संस्था के अध्यक्ष शिमल सिंह, संयोजक राजन सिंह आदि शामिल थे. आक्रोश मार्च के शुरू करने से पहले पूर्व सांसद व आरएलएम नेता सहित अन्य ने वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर मल्यार्पण किया व आक्रोश मार्च को झंडी दिखाकर रवाना किया. आक्रोश मार्च वीर कुंवर चौक, गांधी चौक, मुख्य बाजार, थाना चौक, पाली रोड, स्टेशन रोड, कैनाल रोड होते हुए आंबेडकर चौक पर संपन्न हुआ. आक्रोश मार्च के स्वागत में विभिन्न संगठनों द्वारा जलपान की व्यवस्था की गयी थी. आक्रोश मार्च में शामिल औरंगाबाद के पूर्व सांसद ने कहा कि रामजी लाल सुमन ने जो संसद में बयान दिया है, उसकी निंदा की जाये, वह कम है. राणा सांगा एक योद्धा नहीं, बल्कि इस देश की धरोहर थे. राणा सांगा के विषय मैं इस तरह की टिप्पणी देना भारत को कलंकित करता है. भारत के इतिहास में राणा सांगा, महाराणा प्रताप, शिवाजी जैसे शिरोमणि का इतिहास अलग कर दिया जाये, तो हिंदुस्तान का इतिहास अधूरा रह जायेगा. आरएलएम नेता आलोक सिंह ने खुले मन से माफी मांगने व उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की. इस आक्रोश मार्च में अंबुज सिंह, पप्पू सिंह, कैलेंदर प्रसाद वर्मा, विमल सिंह, पंकज सिंह, अभिषेक, संतोष कुमार आदि शामिल थे.
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