मांझी. कृषि विज्ञान केंद्र, मांझी में किसानों के लिए तिल के फसल उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ वरीय वैज्ञानिक न प्रधान डॉ संजय कुमार राय ने किया, जिन्होंने सामूहिक अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण कार्यक्रम के तहत किसानों को तिल उत्पादन की वैज्ञानिक विधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. सारण जिले के मांझी, जलालपुर, रिवीलगंज और मकेर प्रखंड के लगभग 55 किसानों को तिल के उत्पादन के लिए आवश्यक तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को तिल के बीज, सल्फर और कार्बेंडाजिम का वितरण भी किया. उद्यान विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र चन्द्र चंदोला ने तिल की बुआई से पहले खेत को अच्छे से तैयार करने का महत्व बताया. उन्होंने खेत की जोताई के लिए कल्टीवेटर और रोटावेटर का उपयोग करने की सलाह दी. उन्होंने तिल की बुआई के लिए उचित बीज दर, कतारों की दूरी और बीज की गहराई के बारे में जानकारी दी. इसके अलावा, डॉ जीर विनायक ने तिल में लगने वाले कीट और रोग के प्रबंधन पर चर्चा की, जबकि डॉ विजय कुमार ने तिल की खेती में सल्फर खाद के महत्व और मिट्टी की जांच के फायदे के बारे में बताया. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केंद्र के राकेश कुमार, रविरंजन कुमार और अवनीश पाण्डेय का सहयोग भी रहा.
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