छपरा. जल संसाधन संसदीय समिति के अध्यक्ष व सांसद राजीव प्रताप रुडी ने इजराइल के राजदूत रियुवेन अजार के साथ शनिवार को बैठक की. बैठक का उद्देश्य जल संसाधन प्रबंधन और पुनर्चक्रण के क्षेत्र में इजराइल की उन्नत तकनीकों का अध्ययन करना था. जिससे भारत में जल संरक्षण और प्रबंधन से संबंधित संभावनाओं का आकलन किया जा सके. बैठक के दौरान इजराइल में जल पुनर्चक्रण, ड्रिप सिंचाई, ओस से सिंचाई, शुष्क क्षेत्रों में जल उपयोग की नवीनतम प्रौद्योगिकियों पर चर्चा हुई. इजराइल में 90 प्रतिशत अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग किया जाता है. यह प्रणाली जल सुरक्षा बढ़ाने और कृषि उत्पादकता सुधारने में सहायक सिद्ध हुई है. इस दौरान रूडी ने राजदूत को बताया कि बिहार के सारण प्रमंडल के लिए चार हजार करोड़ की सिंचाई और दो हजार करोड़ के बाढ़ प्रबंधन की योजना तैयार की जा चुकी है. इससे सारण भारत का पहला बाढ़ और सिंचाई प्रबंधन मॉडल बनेगा. बैठक के दौरान इजराइली राजदूत ने छपरा आने की इच्छा व्यक्त की. रुडी ने बताया कि जल संसाधन समिति इन आधुनिक तकनीकों और जल प्रबंधन मॉडल का अध्ययन कर उनकी उपयोगिता का मूल्यांकन करेगी. ताकि यह समझा जा सके कि इन तकनीकों को भारतीय परिप्रेक्ष्य में किस प्रकार लागू किया जा सकता है. समिति इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रस्तुत करेगी. ताकि भविष्य में नीति निर्माण में इसका उपयोग किया जा सके. इजराइली राजदूत ने इस दिशा में सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की. दोनों देशों के बीच तकनीकी जानकारी साझा करने पर सहमति बनी. समिति द्वारा किए जा रहे इस अध्ययन से भारत में जल संरक्षण की दिशा में नई संभावनाओं को बल मिलेगा.
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