दिघवारा. प्रखंड के सिद्ध पीठ स्थल मां अंबिका भवानी मंदिर में शनिवार को सावन पूर्णिमा को होने वाला वार्षिकोत्सव समारोह भव्यता के साथ संपन्न हुआ और देर शाम तक मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटी रही और हर कोई मां अंबिका की आराधना में लीन नजर आया. मिट्टी के पिंडी रुप में विराजमान रह कर मां भक्तों के मनोरथ को पूर्ण करती है. आदि काल से ही सावन के पूर्णिमा को वार्षिक पूजनोत्सव संपन्न होता है और इस पूजा का खास महत्व है. इसमें सभी पुजारी एकजुटता से मां की आराधना में लीन नजर आते हैं. इससे पूर्व शनिवार को आमी में प्रातः काल से ही मां के दरबार में उनके दर्शन और हवन से उत्पन्न तेज से अपने नश्वर शरीर को तेजस्वी बनाने के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा. आमी के स्थानीय लोगों के अलावे सैकड़ों गांवों के श्रद्धालु सामूहिक यज्ञ पूजन और प्रार्थना में शामिल हुए. वार्षिक पूजनोत्सव की तैयारी प्रातः काल से शुरु हो गयी थी और मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया था. सुबह से लेकर देर शाम तक पूजा अर्चना और हवन का दौर चलता रहा. हवन में पंचमेवा आदि कई पूजन सामग्रियों का उपयोग हुआ और मंत्रों की गूंज से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान होता नजर आया. यज्ञ की समाप्ति के उपरांत मां को एक बलि अर्पित की गयी. विदित हो कि यहां साल में एक दिन वार्षिक पूजनोत्सव के दिन ही बलि देने का प्रावधान है. बलि देने के बाद मैया का विशेष पूजन और श्रृंगार हुआ. पिंडी को भव्य व आकर्षक तरीके से सजाया गया था. इसके उपरांत नगर परिभ्रम, गंगा पूजन और नगर के हनुमान मंदिर, ठाकुरबारी आदि मंदिरों में पूजन हुआ. उसके पश्चात मंदिर परिसर में लौट कर बटुक और कुमारी पूजन और भंडारा का आयोजन हुआ. कुमारी एवं बटुक के भंडारे के बाद प्रसाद वितरण किया गया. ग्रामीणों और श्रद्धालु भक्तों के सहयोग से आयोजित पूजन में मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया था. आयोजन में यजमान मंटू सिंह, रितेश तिवारी,आचार्य मुनचुन तिवारी, मुनमुन तिवारी, रंजीत तिवारी,कन्हैया तिवारी,कल्याण तिवारी,धीरज तिवारी,उज्जवल तिवारी,दीपक तिवारी, राजेश तिवारी, निर्मल तिवारी, प्रिंस तिवारी, वर्मा तिवारी, टुन्ना तिवारी समेत दर्जनों पुजारी शरीक हुए.
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