गोपालगंज. रमजान के महीने में शुक्रवार को अलविदा की नमाज अदा की जायेगी. पांच दिन बाद ईद है. त्योहार नजदीक आते ही बाजार में सेवइयों की दुकानें भी सज-धज कर तैयार हैं. वहीं सबसे अधिक परेशानी बच्चों के कपड़े खरीदने में हो रही है. मनमुताबिक कपड़ों की तलाश में दिनभर माता-पिता दुकानों की खाक छानते फिर रहे हैं. खुद के कपड़ों के अलावा लोगों को ईद के लिए ढेर सारी खरीदारी करनी है. इन्हीं में सबसे अहम है सेवई, क्योंकि इसके बगैर मेहमानों की खातिरदारी ही अधूरी होगी.
लोगों के लिए राहत की बात यह है कि अभी तक बारिश नहीं होने से सेवइयों के दाम में पिछले वर्ष के मुकाबले कोई इजाफा नहीं हुआ. मेन रोड में दुकान लगाने वाले मोहम्मद मुकीम बताते हैं फैक्ट्रियों में सेवई बनाकर खुली धूप में सुखाई जाती है. बारिश के दिनों में सुखाने में जहां दिक्कतें होती हैं, वहीं काफी माल का भी नुकसान हो जाता है इसलिए बारिश होने पर कच्ची सेवई के दाम बढ़ जाते हैं. अभी मॉनसून आने में देरी है, इसलिए दाम में कोई इजाफा नहीं हुआ है. वहीं, अलविदा की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन को अलर्ट किया गया है. मस्जिदों में नमाज के लिए तिरपाल लगाकर धूप से बचने के लिए इंतजाम किये जा रहे हैं.आज दूसरी बड़ी शब-ए-कद्र की रात :
माह-ए- रमजान में शब-ए-कद्र की रात विशेष होती है, ऐसी मान्यता है कि कुरआन शरीफ उसी रात में स्वर्ग से धरती पर आई थी. इस रात में सच्चे हृदय से अल्लाह की इबादत करने से हर इच्छा पूरी होती है. इसमें 25वीं रात दूसरी सबसे बड़ी शब-ए-कद्र होती है. इस रात अल्लाह की रहमत खास तौर पर होती है. यह रात एक हजार रातों से बेहतर होती है, इसलिए इस रात को खास इबादत की जाती है.
भोजन में प्रोटीन की मात्रा लें अधिक :
डॉक्टर : उमस भरी गर्मी में रोजेदारों के 24 रोजे पूरे हुए. लगातार रोजा रखने के कारण शरीर में मिनरल्स के साथ ही प्रोटीन की भी कमी होना स्वाभाविक है. सदर अस्पताल के फिजीशियन डाॅ सनाउल मुस्तफा कहते हैं कि इफ्तार व सहरी में प्रोटीनयुक्त भोजन को भी प्राथमिकता के साथ शामिल करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

