सोनपुर. रविवार को सोनपुर मेला क्षेत्र सुबह से ही गुलजार हो गया था. लेकिन दोपहर एक के बाद मेले में भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गयी. रविवार को करीब दो लाख लोग मेला देखने पहुंचे. दोपहर के बाद मेला परिसर में कहीं भी पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी. हर कोने में लोगों की खचाखच भीड़ नजर आ रही थी. जितनी भी सरकारी विभाग की प्रदर्शनियां लगायी गयी हैं. वहां लोगों को मुश्किल से प्रवेश करने को मिल रहा था. क्योंकि प्रदर्शनियों के पंडाल में खचाखच भीड़ थी. ऐसे में पुलिस कर्मियों को भी काफी मशक्कत के बाद लोगों को एक-एक कर पंडाल में प्रवेश दिलाया गया. इसके अलावा आर्ट एंड क्राफ्ट गैलरी में भी काफी भीड़ दिखी. यहां लोग प्रदर्शनी देखने के अलावा सामानों की खरीदारी को लेकर भी उत्साहित नजर आ रहे थे.
डिज्नीलैंड में खूब रही चहल-पहल
डिज्नीलैंड परिसर भी पूरी तरह लोगों की भीड़ से भरा हुआ रहा. सभी झूलों पर बैठने के लिए लोग उत्साहित थे और टिकट कटा कर अपनी बारी का इंतजार करते दिख रहे थे. सबसे अधिक भीड़ रेलग्राम में दिखी. यहां भी प्रदर्शनी देखने के लिए लोग पहुंच रहे थे. युवा वर्ग सेल्फी लेने के लिए उत्साहित था खासकर पेड़ से लटकता हुआ इंजन का जो मॉडल लगाया गया है. उसे देखने और उसके साथ तस्वीर खींचने के लिए लोग लालायित थे. रविवार होने के कारण सोनपुर मेला में पहुंचे अधिकतर लोग हरिहरनाथ मंदिर दर्शन को भी पहुंचे थे. यहां भी भारी भीड़ दिखी. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए वॉलेंटियर की तैनाती भी की गयी थी. इसके अलावा नदी तट पर भी लोगों का हुजूम दिखा. नखास चौक से लेकर चिड़िया बाजार तक मेला परिसर लोगों से भरा हुआ था. इसके अलावा दिन में पर्यटन विभाग के मंच से हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने के लिए भी दर्शक पहुंच रहे हैं. यहां देर शाम में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने के लिए दोपहर से लोग पंडाल में जुटने लग रहे हैं.लोकल फॉर वोकल को मिल रहा बढ़ावा
मेले में लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा मिल रहा है. मेले में कई ऐसे स्टाल लगाये गये हैं. जहां ग्रामीण ग्रामीण संस्कृति से जुड़े उत्पाद मिल रहे हैं. अधिकतर उत्पाद हाथ से निर्मित है. ऐसे में इसे बनाने वाले कारीगरों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. इसके अलावा मेले में कई ऐसे आर्ट एंड क्राफ्ट के गैलरी बने हैं. जहां हाथ से बनी कलाकृतियां, पेंटिंग, कपड़े, कपड़े का झोला, चप्पल व अन्य सामग्री उपलब्ध है. इन सभी की खरीदारी को लेकर लोगों में उत्साह दिख रहा है. जिसे लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा मिल रहा है. मेले में कई ऐसे फूड स्टाल लगे हैं. जहां देसी व्यंजन परोसे जा रहे हैं. खासकर लिट्टी चोखा, सतुआ, भुजा, अचार, गुड़ की जलेबी की भी खूब डिमांड है. जिससे स्थानीय दुकानदारों का व्यवसाय बेहतर हुआ है.
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