छपरा. सदर अस्पताल परिसर में पार्किंग व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. अस्पताल के महिला छात्रावास के अंदर दोपहिया वाहनों की भीड़ लगी रहती है, वहीं जीएनएम भवन परिसर में चारपहिया वाहनों को धड़ल्ले से खड़ा किया जा रहा है. आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से अधिकांश वाहन कॉमर्शियल नंबर प्लेट वाले हैं, जो विभिन्न सरकारी विभागों में भाड़े पर चलाये जाते हैं.
सरकारी भवनों को बना दिया गया निजी वाहनों का अड्डा
जानकारी के मुताबिक, शहर के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में उपयोग की जा रही स्कॉर्पियो व अन्य गाड़ियां शाम होते ही अस्पताल परिसर में पार्क कर दी जाती हैं. इन वाहनों को कुछ निजी ठेकेदार भाड़े पर संचालित कर रहे हैं. दिनभर ये गाड़ियां अलग-अलग विभागों में काम करती हैं और रात होते ही अस्पताल परिसर में खड़ी कर दी जाती हैं.
महिला छात्रावास और सरकारी आवास के सामने अवैध पार्किंग
अस्पताल के महिला छात्रावास परिसर में भी कर्मचारियों द्वारा अनधिकृत रूप से मोटरसाइकिल खड़ी की जाती है, जिससे आने-जाने में बाधा उत्पन्न होती है. इसी तरह, ओपीडी के सामने स्थित सरकारी आवासों के सामने बाहरी लोग और कुछ कर्मी अपने वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे अस्पताल कर्मियों और मरीजों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है. कुछ लोग तो अस्पताल की बिजली का उपयोग कर अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कर रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है. यह स्थिति न केवल अस्पताल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की संपत्ति के दुरुपयोग का भी गंभीर मामला बनता है.अस्पताल प्रशासन की चुप्पी चिंता का विषय
अस्पताल प्रशासन स्थिति से अवगत होने के बावजूद मौन है. न तो कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही पार्किंग व्यवस्था को सुधारने की दिशा में कोई ठोस प्रयास दिखाई दे रहा है. इस अव्यवस्था से सरकारी संपत्ति के निजी हित में प्रयोग पर सवाल उठना स्वाभाविक है.
डीपीएम ने जांच कर उचित कार्रवाई का दिया भरोसा
इस मामले में जिला कार्यक्रम प्रबंधक अरविंद कुमार ने बताया कि अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य विभाग की वही गाड़ियां खड़ी होती हैं जो भाड़े पर ली गयी हैं. यदि परिसर में अन्य कोई वाहन पाया गया तो उसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

