मांझी. प्रखंड के भलुआ-बुजुर्ग पंचायत के खानपुर में आयोजित शतचंडी महायज्ञ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और वैदिक रीति से पूजा अर्चना की. दिनभर चल रहे यज्ञ के दौरान श्रद्धालु यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर अपने एवं अपने परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना कर रहे हैं. इस दौरान वृंदावन धाम से पधारी प्रसिद्ध कथा वाचक अमित कृष्ण शास्त्री ने श्रीराम जन्म की कथा का वाचन कर भक्तों को भाव विभोर कर दिया. शास्त्री जी ने श्रीराम के जन्म की कथा सुनाते हुए बताया कि किस प्रकार राजा दशरथ को संतान सुख प्राप्त करने के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ का आयोजन करना पड़ा. उन्होंने कहा कि यज्ञ के बाद तीनों रानियों को खीर रूपी प्रसाद दिया गया, जिससे सभी रानियों ने गर्भधारण किया. श्रीराम के जन्म का वर्णन करते हुए शास्त्री जी ने बताया कि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महाराज दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने श्याम वर्ण और अलौकिक बालक को जन्म दिया. इसके बाद कैकेयी और सुमित्रा ने भी अपने-अपने पुत्रों को जन्म दिया, जिससे राज्य में खुशी का माहौल छा गया. देवताओं ने पुष्प वर्षा कर बालकों का स्वागत किया और नामकरण संस्कार के समय महर्षि वशिष्ठ ने चारों पुत्रों के नाम क्रमशः राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न रखे. शास्त्री जी ने भगवान श्रीराम के बाल रूपों और उनके गुणों का भी वर्णन किया, जिससे वहां उपस्थित लोग मंत्रमुग्ध हो गए. उनकी प्रस्तुति में भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं पर आधारित गीतों ने उपस्थित लोगों को थिरकने के लिए मजबूर कर दिया. शतचंडी महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना के साथ अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की. इस धार्मिक आयोजन में बडी संख्या में लोग शामिल हुए और यज्ञ के महत्व को समझा.
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