समस्तीपुर : केंद्रीय विवि का दर्जा मिलने के बाद पूसा कृषि विश्वविद्यालय में गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं. कैंपस बदल रहा है. साथ में पढ़ने पढ़ाने का माहौल भी. कुलपति डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने अगले तीन साल में सात बड़े काम करने का फैसला किया है. इनमें से कुछ के प्रस्ताव बन गये हैं, जबकि कुछ पर काम चल रहा है. कुलपति व्यक्तिगत तौर पर इसमें रुचि ले रहे हैं. यात्राओं के दौरान भी उन्हें इसका ख्याल रहता है. अगर कहीं
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कुलपति डाॅ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने तय की प्राथमिकताएं
समस्तीपुर : केंद्रीय विवि का दर्जा मिलने के बाद पूसा कृषि विश्वविद्यालय में गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं. कैंपस बदल रहा है. साथ में पढ़ने पढ़ाने का माहौल भी. कुलपति डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने अगले तीन साल में सात बड़े काम करने का फैसला किया है. इनमें से कुछ के प्रस्ताव बन गये हैं, […]
पूसा केंद्रीय विवि: तीन…
अच्छी चीज दिखती है, तो वह
उसका फोटो खींच लेते हैं और विवि में उसके मुताबिक काम करवाने पर अपने साथियों से बात करते हैं. पढ़ाई के सवाल पर कुलपति कहते हैं. यह बात आपको हमारे यहां के छात्रों से पूछनी चाहिए, वो ज्यादा अच्छी तरह से बता सकेंगे, क्योंकि हम लोगों ने पढ़ाई को प्राथमिकता में रखा है. कृषि विवि होने की वजह से हमारा फोकस किसानों पर भी है. हमारे पास 11 कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) हैं, जो विभिन्न जिलों में काम कर रहे हैं. इन केंद्रों पर काम करनेवाले वैज्ञानिकों की किसानों के बीच अच्छी पैठ है. हमारे यहां से मौसम का अनुमान भी बताया जाता है.
प्रशासनिक भवन के गेट पर मौसम की जानकारी देने के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगवाया है, जिसका फायदा आम लोगों को मिल रहा है. डॉ
श्रीवास्तव विवि की वर्तमान व पूर्व स्थिति की चर्चा करते हैं. वह कहते हैं, इतना पुराना विवि होने के बाद भी जब हम यहां आये, तो इंफ्रास्ट्रचर के नाम पर बहुत सीमति चीजें थीं. भारत रत्न राजेंद्र बाबू के नाम पर विवि है, लेकिन उनकी प्रतिमा तक नहीं थी. हमने प्रतिमा बनवायी और स्थापना दिवस के दिन उसका अनावरण केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने किया.
कैंपस में काम चल रहा है. सड़क के किनारे हम अशोक स्तंभ लगवा रहे हैं. अगले तीन माह में यहां की स्थिति बदल जायेगी. कैंपस के साथ यहां कर्मचारियों के लिए बने आवासों की मरम्मत भी हो रही है, ताकि हमारे कर्मचारियों व उनके परजिनों को परेशानी नहीं हो.
गल्स हॉस्टल पहली प्राथमिकता. कुलपति डॉ श्रीवास्तव कहते हैं कि विवि को केंद्रीय दर्जा मिल चुका है. उसके मुताबिक हम लोग कोर्स भी शुरू कर रहे हैं. आनेवाले सत्र में एक सौ छात्राओं का एडमिशन होना है. उनके लिए हॉस्टल बनाना हमारी प्राथमिकता है, क्योंकि छात्र तो बाहर रह सकते हैं, लेकिन छात्राओं को यहां रहने में परेशानी होगी.
कृषि वैज्ञानिक के साथ कवि भी हैं वीसी
कुलपति डॉ श्रीवास्तव लगभग 40 साल से कृषि क्षेत्र को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आइसीएआर) समेत विभिन्न नामी संस्थानों में काम कर चुके हैं. इस दौरान देश विदेश में विभिन्न विषयों पर 150 से ज्यादा शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं. 16 किताबें लिख चुके हैं. कृषि वैज्ञानिक होने के साथ डॉ श्रीवास्तव अच्छे कवि भी हैं.
पूसा केंद्रीय विवि: तीन साल में होंगे सात बड़े काम
कैंपस के कायापलट के लिए बड़े पैमाने पर काम शुरू
भारत रत्न राजेंद्र प्रसाद की मूर्ति प्रशासनिक भवन के सामने लगी
दो मंजिला होगा अस्पताल
कुलपति कहते हैं कि हमारे पास अभी छोटा अस्पताल है, जिसमें केवल एक डॉक्टर है. चार और डॉक्टरों की बहाली हम कर रहे हैं. साथ ही हमने 50 बेड का अस्पताल बनाने का फैसला लिया है, जिस पर काम चल रहा है. दो मंजिला हॉस्पिटल बनेगा, जिसमें आधुनिक सुविधाएं रहेंगी, ताकि विवि के अधिकारियों व कर्मचारियों को बाहर इलाज के लिए नहीं जाना पड़े.
होने हैं ये काम
छात्राओं के दो छात्रावास
छात्रों के लिए एक हॉस्टल
इंटरनेशनल छात्रावास
इनडोर व आउटडोर स्टेडियम
50 बेड का हॉस्पिटल
मार्केट कॉम्प्लेक्स बनेगा
कृषि उत्पाद काॅम्प्लेक्स
कॉम्प्लेक्स से बदलेगी सूरत
कुलपति विवि कैंपस की बाजार की सूरत भी बदलना चाहते हैं. उनका कहना है कि यहां पर लोग सालों से दुकानें चला रहे हैं, लेकिन मेरी इच्छा है कि इन दुकानों के लिए मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाया जाये, ताकि दुकानदारों को बेहतर सुविधा मिल सके. हम इसके लिए दुकानदारों से बात करेंगे और वो तैयार होंगे, तो हम ये काम करेंगे, ताकि जब भी कोई बाहर से आयेगा, तो उसे यहां संगठित बाजार क्षेत्र मिलेगा, जहां वो अपनी मनपसंद की चीजें खरीद सकेगा.
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