फोटो संख्या : 8 खेत में लगी गेहूं
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गेहूं की फसल पर लूज स्मट बीमारी का प्रकोप
फोटो संख्या : 8 खेत में लगी गेहूं समस्तीपुर : जिले के कई खेतों में गेहूं की बाली के काला पड़ने की सूचना मिल रही है. इस बाली को छूने पर हाथ में काला पाउडर भी लग रहा है. इससे या तो गेहूं का दाना भी काला पड़ गया है या अत्यंत ही छोटा हो […]
समस्तीपुर : जिले के कई खेतों में गेहूं की बाली के काला पड़ने की सूचना मिल रही है. इस बाली को छूने पर हाथ में काला पाउडर भी लग रहा है. इससे या तो गेहूं का दाना भी काला पड़ गया है या अत्यंत ही छोटा हो गया है. यह बीमारी खानपुर प्रखंड के हसनपुर गांव में देखने को भी मिली है. यह स्थिति अगर आपके खेत की है, तो समझिये, आपकी फसल लूज स्मट नामक बीमारी की चपेट में आ गया है. इस बीमारी को गेहूं के लिए महामारी माना जाता है. इसके लगने के बाद विशेषज्ञ इसका कोई इलाज नहीं बताते हैं. यह बीमारी हवा के झोंके या फिर किसानों के खेतों में घूमने के कारण पराग कण के उड़ने से भी यह आसानी से फैलता है.
इस संबंध में पौधा संरक्षण के सहायक निदेशक आरके महतो ने बताया कि मूल रूप से यह बीमारी बिना उपचारित किये बीजों को खेतों में लगाने के कारण ही फैलता है. संभव है वह बीज पूर्व से ही संक्रमित हो. बाली में पराग कण बनने के समय यह बीमारी देखने में आती है. इस बीमारी की रोकथाम के लिए कोई उपाय नहीं है. इस बीमारी से फैलने से बचाने के लिए बीमारी से संक्रमित बाली को पॉलीथिन से ढककर या बांधकर काट लें. उस बाली को मिट्टी में गाड़ दें या फिर जला दें. सहायक निदेशक ने बताया कि बीमारी से संक्रमित खेत में उत्पादित गेहूं का प्रयोग पुन: बीज के रूप में प्रयोग नहीं करें. दो-तीन साल तक उस खेत में गेहूं की खेती ही नहीं करें.
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