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मुख्य व उपमुख्य पार्षद का चुनाव आज

नगर िनकाय. पार्षदों को अपने पक्ष में करने का दावेदार कर रहे पूरा प्रयास पार्षदों को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में आवश्यक जानकारी देंगे निर्वाची पदाधिकारी समस्तीपुर : नगर परिषद में बनने वाली नई सरकार की ताजपोशी की प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गयी है़ नव निर्वाचित वार्ड पार्षदों की खरीद फरोख्त समेत अन्य गतिविधियों […]

नगर िनकाय. पार्षदों को अपने पक्ष में करने का दावेदार कर रहे पूरा प्रयास

पार्षदों को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में आवश्यक जानकारी देंगे निर्वाची पदाधिकारी
समस्तीपुर : नगर परिषद में बनने वाली नई सरकार की ताजपोशी की प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गयी है़ नव निर्वाचित वार्ड पार्षदों की खरीद फरोख्त समेत अन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए थानाध्यक्ष को टास्क सौंपा गया है़ उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे पार्षदों के घर पर पूरी निगाह रखें, ताकि मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद का चुनाव पारदर्शी व निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराया जा सके़
नगर परिषद के पार्षदों का शपथ ग्रहण समाहरणालय के सभाकक्ष में आयोजित किया जायेगा़ निर्धारित समय के एक घंटा के भीतर आने वाले निर्वाचित सदस्यों को बैठक में भाग लेने की अनुमति दी जायेगी़
सभापति व उपसभापति के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पश्चात अनुमति नहीं दी जायेगी़ चुनाव से पूर्व सभी पार्षदों को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में आवश्यक जानकारी निर्वाची पदाधिकारी देंगे.
चुनाव में आमने-सामने की लड़ाई तय : कुछेक पार्षदों की मानें, तो नगर परिषद के सभापति पद के लिए आमने-सामने की लड़ाई लगभग तय हो गयी है़ दावं पेच आजमाने के बाद कुछ अन्य ने अपने को मैदान से बाहर कर लिया है़ बता दें कि निर्वाचन आयोग द्वारा नगर परिषद के लिए मुख्य पार्षद तथा उप पार्षद का चुनाव कराने के लिए नौ जून की तिथि मुकर्रर की गयी है़ इसमें नप से 29 वार्ड पार्षद अपने मुख्य पार्षद तथा उप पार्षद का चुनाव करेंगे़
बता दें कि नगर परिषद से मतगणना समाप्त होने के बाद मुख्य पार्षद पद के लिए आरंभिक दौर में वार्ड 5, 8, 13, 17, 28 सहित आधा दर्जन पार्षदों का नाम लिया जा रहा था. लेकिन कुछ समय बीतने के बाद यह संख्या चार बतायी जाने लगी. लेकिन जैसे ही चुनावी दावं पेच का खेल शुरू हुआ, तो दावेदारों की संख्या भी सिमटने लगी़ शुरुआत में प्रबल दावेदार के रूप में माने जा रहे दो दावेदारों ने अपना समर्थन अब वर्तमान दावेदारों के खेमे का दिया है़
सूत्रों के अनुसार, शुरुआती दौर में आओ पैसा-पैसा का खेल चलाया गया बाद में इस खेल के साथ कुछ अग्रिम भुगतान कर पार्षदों का मिजाज ताजा बनाये रखने की मुहिम भी जारी रखी गयी है़ सूत्रों की मानें, तो दोनों ही खेमे के पास के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं है़ इसलिए आखिरी दौड़ में अपने समर्थित चेहरे को में विजय वरदान देने के लिए जोड़-तोड़ चल रही है़ राजनीतिक गलियारे में तो मोल-भाव के किस्से भी गूंज रहे हैं. फिलहाल के दिन ऊंट किस करवट बैठेगा, इस को लेकर दोनों खेमे में असमंजस की स्थिति बनी है़ डर यह भी है कि ऐन मौके पर वोटिंग के समय अगर तीन से चार पार्षदों ने मिनटों में अंदर ही अंदर पाला बदल लिया, तो फिर किसी भी खेमे की अबतक की गयी मेहनत पर पानी फिर सकता है.
इच्छुक व्यक्ति को मिलेगी अनुमति
निरक्षर निर्वाचित सदस्यों को उनके द्वारा मताधिकार के प्रयोग में सहायतार्थ उनकी इच्छानुसार एक व्यक्ति जिनपर उन्हें पूर्ण विश्वास हो उन्हें साथ रखने की अनुमति दी जायेगी़ उस पार्षद द्वारा ऐसे व्यक्ति के खिलाफ शिकायत विचारणीय नहीं होगी़ इसमें यह आरोप लगाया गया हो कि ऐसे व्यक्ति द्वारा उनके बताये गये प्रत्याशी से भिन्न प्रत्याशी के सामने क्रॉस चिह्न लगाया गया है़ साथ ही ऐसे वयस्क व्यक्ति संबंधित निरक्षर उम्मीदवार को यथास्थिति मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद पद के लिए बनाये गये मतपत्रों में अंकित उम्मीदवारों का नाम पढ़कर उन्हें बतायेगा तथा उनकी इच्छानुसार अभ्यर्थी के नाम के सामने क्रॉस का चिंह्न लगाकर मताधिकार का प्रयोग करने में सहायता प्रदान करेगा.
सूत्रों की मानें, तो यहां अभी कुल चार गुट खड़े है़ं हरेक गुट के यहां आठ से 10 पार्षद का समर्थन रहने की बात कही जा रही है़ साथ ही इन सभी गुट की कमान संभाल रहे लोगों की दिली इच्छा है कि उन्हें मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद की कुरसी दी जाये. अगर ऐसे में थोड़ी सी बात भी बिगड़ी और आपसी सहमति नहीं बनी, तो अंतत: इस खेमे में बगावत के स्वर फूटने से इसका सीधा फायदा इसके विरोधी गुट उम्मीदवार को मिल सकता है़ एक पार्षद के अनुसार महागंठबंधन समर्थित उम्मीदवार को मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद बनाने के लिए सूबे के एक मंत्री खासी दिलचस्पी ले रहे हैं. हालांकि, इस दिलचस्पी में एक विधान पार्षद के भी शामिल होने की बात कही जा रही है़ एक दिग्गज विधायक भी एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं.
ऐसे अवैध घोषित होंगे मतपत्र
मतपत्र में क्रॉस चिह्न से भिन्न कोई अन्य चिह्न लगाया गया हो, अथवा दस्तखत या अंगूठे का निशान लगा दिया गया हो या कोई अन्य बात लिख दी गयी हो.
किसी भी अभ्यर्थी के नाम के आगे क्रॉस चिह्न लगा दिया गया हो.
एक से अधिक अभ्यर्थी के नाम के आगे क्रॉस चिह्न लगा दिया गया हो.
अगर निर्वाची पदाधिकारी द्वारा आपूर्ति मतपत्र से भिन्न किसी अन्य मतपत्र पर क्रॉस चिह्न लगाकर उसे मत पेटिका में डाला गया हो.
यदि मतपत्र इस प्रकार क्षतिग्रस्त हो कि यह स्पष्ट करना मुश्किल हो की मत वस्तुत: किसे दिया गया हो, अवैध मतपत्रों को गणना में शामिल नहीं किया जायेगा.
विजय जुलूस निकालने पर रोक
नगर परिषद के नव निर्वाचित पार्षदों को नौ जून को होने वाले सभापति व उप सभापति के चुनाव के बाद विजय जुलूस न निकालने के लिए नोटिस दी जा रही है़ निर्वाची पदाधिकारी सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी नोटिस को पार्षदों को उपलब्ध कराया जा रहा है. कई पार्षदों के घर न उपलब्ध होने पर उनके परिजनों के माध्यम से नोटिस तामिला कराया जा रहा है़ सूची में मिले नंबर के आधार पर पार्षदों से संपर्क कर उन्हें नोटिस के संबंध में जानकारी दी जा रही है़ ज्ञात रहे कि प्रशासन ने जीत की खुशी में विजय जुलूस निकालने के दौरान आपसी सौहार्द बिगड़ने की आशंका को ले यह एहतियाती कदम उठाया है.

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