राशि देने में विलंब व आनाकानी किए जाने पर दबंग करते हैं अपशब्द भाषा का प्रयोग
पतरघट. पतरघट बाजार, पस्तपार बाजार, गोलमा बैंक चौक, कपसिया मोड़ सहित कहरा मोड़ चौक पर सरकारी स्टैंड नहीं रहने की वजह से इन दिनों वाहन चालकों द्वारा सड़क किनारे ही अपना अघोषित स्टैंड बना रंगदारी के तौर पर वाहन चालकों से अवैध राशि की वसूली की जा रही है. वाहन चालकों द्वारा राशि देने में विलंब अथवा आनाकानी किए जाने पर दबंगों द्वारा अपशब्द भाषा का प्रयोग किए जाने के साथ-साथ मारपीट भी की जाती है. सड़क को स्टैंड बनाने से प्रतिदिन राहगीरों सहित आमजनों को भीषण जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. चौड़ी सड़क रहने के बावजूद भी अतिक्रमण की वजह से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित रहता है. ऑटों और ई रिक्शा चालकों की मनमानी के कारण सड़क मार्ग पर वाहन खड़ी कर सवारी बैठाये जाने से छोटे बड़े वाहनों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण दिन भर जाम की समस्या बनी रहती है. प्रशासनिक स्तर से ऑटो स्टैंड बनाने की दिशा में स्थान चिह्नित करने की बात की जाती है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस तथा सकारात्मक परिणाम निकल कर सामने नहीं आया है. जिसके कारण राहगीरों को सड़क जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है.बाजार चौक को वर्षों से दबंगों द्वारा अघोषित स्टैंड बनाकर लाखों रुपये सालाना वाहन चालकों से बतौर रंगदारी के तौर पर दबंगों द्वारा वसूली की जा रही है. प्रशासन द्वारा स्थायी स्टैंड के लिए स्थान चिन्हित नहीं किए जाने से सड़क किनारे यत्र तत्र सड़कों पर वाहन लगाने को मजबूर हैं. अवैध स्टैंड से दबंगों द्वारा अवैध वसूली कर प्रशासन को लाखों रुपये का राजस्व का चूना लगाया जा रहा है. नाम नहीं छापने की शर्त पर स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि दबंगों द्वारा प्रतिदिन कहरा मोड़ चौक, पस्तपार बाजार चौक, पतरघट मुख्य बाजार चौक, गोलमा बैंक चौक, कपसिया मोड़ चौक को अघोषित स्टैंड बनाकर जबरन अवैध वसूली की जा रही है. सवारी द्वारा भाड़ा कम रहने पर दुर्व्यवहार कर जबरन वाहन से उतार कर भगा दिया जाता है. स्थिति तब अजीब लगती है, जब शिक्षिकाओं को अपने निर्धारित समय सीमा के अंदर स्कूल आना जाना होता है., लेकिन कुछेक रुपये के कारण दबंगों द्वारा ऑटो को जबरन रोक कर चालकों पर धौंसपट्टी शुरू कर देता है. ऐसा नहीं है कि स्थानीय प्रशासन को इन सब चीजों की जानकारी नहीं रहतीं है. सब कुछ जानकर भी अंजान बना रहता है. लोगों ने प्रशासन से इन सब चीजों पर संज्ञान लेकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

