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कोसी में पानी बढ़ने से जुगाड़ पुल पर संकट

परेशानी. कटाव की रोकथाम के लिए नाविक कर रहे प्रयास जून माह में कोसी क जल स्तर में तेजी सेहो रही वृद्धि के कारण अब जुगाड़ पुल पर भी संकट आ गया है. इस इलाके के लोग आवागमन के िलए जुगाड़ पुल का सहारा लेते हैं. सहरसा/सिमरी : जून महीने की शुरुआत के साथ ही […]

परेशानी. कटाव की रोकथाम के लिए नाविक कर रहे प्रयास

जून माह में कोसी क जल स्तर में तेजी सेहो रही वृद्धि के कारण अब जुगाड़ पुल पर भी संकट आ गया है. इस इलाके के लोग आवागमन के िलए जुगाड़ पुल का सहारा लेते हैं.
सहरसा/सिमरी : जून महीने की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर कोसी नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण जुगाड़ पुल के एप्रोच पथ में उसराहा की ओर से कटाव शुरू हो गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर कटाव पर जल्दी काबू नहीं पाया गया तो जुगाड़ पुल का एप्रोच पथ कोसी में बहते ही परिचालन बाधित हो जायेगा. हालांकि, जुगाड़ पुल के समीप कोसी के कटाव पर अंकुश लगाने के लिए नाविक दिन-रात एक किए हुए हैं. वही कटाव स्थल पर बोड़ा बेडवार बनाकर डाला जा रहा है.
लेकिन कोसी का कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है.स्थानीय लोगों के मुताबिक कटाव धीरे-धीरे तेज होते जा रहा है.नाविकों का कहना है कि नदी की धारा मुड़ने से एप्रोच पथ पर दबाव बढ़ गया है और कटाव रोकने को लेकर कार्य किया जा रहा है.बताते चलें कि चार वर्ष से लगातार जुगाड़ पुल पर मई के अंत तक परिचालन बंद हो जाता था.वही इस संबंध में अग्रहण नाव यातायात समिति की रीना देवी ने बताया कि नदी के जलस्तर में थोड़ी वृद्धि हुई है, जिससे कटाव शुरू हो गया है,
नाविकों द्वारा रोकथाम को लेकर प्रयास जारी है. बताते चलें कि वर्ष 2010 में बीपी मंडल सेतु क्षतिग्रस्त होने के बाद नाविकों ने 54 नौकाओं को जोड़कर जुगाड़ पुल का निर्माण कर वाहनों को आर-पार कराया था. इसके बाद बिहार राज्य पुल निगम के द्वारा वर्ष 2011 में 17 करोड़ की लागत से स्टील पाइल ब्रिज का निर्माण करवाया गया.
जो अगस्त 2014 में कोसी की तेज धारा में बह गया.वह अभी तक क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है.वहीं 1 अप्रैल 2015 को बीपी मंडल सेतु जीर्णोद्धार कार्य के संवेदक ने सेतु को सील कर मरम्मत कार्य आरंभ कर दिया, जो चल रहा है. सेतु को तोड़ने के बाद लोगों का पैदल चलना भी बंद हो गया तथा एकमात्र सहारा नौका बनी. इस बीच नाविकों ने दोबारा 2015 में 42 नौकाओं को जोड़कर जुगाड़ पुल तैयार किया.कोसी-बागमती में पानी बढ़ने बाद जुगाड़ पुल को हटाया गया.
इसके बाद वर्ष 2016 में 84 नौकाओं को जोड़कर नौका पुल तैयार किया गया. बारिश में नदी के जलस्तर में वृद्धि बाद इसे हटाया गया.पुन: इस वर्ष 47 नौकाओं को जोड़कर जुगाड़ पुल तैयार करने में नाविकों ने सफलता हासिल कर ली. परंतु, जनवरी महीने में कटाव की वजह से कई नाव जुगाड़ के बह गये. जिसके बाद फिर से जुगाड़ में नये नावों को जोड़ा गया और जुगाड़ में कुल नावों की संख्या 63 हो गयी.जुगाड़ पुल पर 5 से 7 टन वजन क्षमता वाले हल्का वाहन आसानी से आर-पार कर सकते है.परन्तु,
बीते पांच महीने से जुगाड़ कटाव का दंश झेल रहा है और इसके सुचारू परिचालन से ज्यादा इसके ठप होने की खबरें स्थानीय मीडिया में ज्यादा सुर्खियां बनती है.यहां यह बता दे कि एनएच 107 के बीपी मंडल सेतु से सामानांतर डुमरी घाट में नावों को जोड़कर बने जुगाड़ पुल का बीते साल दिसम्बर में 50 लाख रुपये में डाक हुआ था.

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