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समस्तीपुर रेलमंडल के ए ग्रेड स्टेशन मेंं शामिल

सहरसा : से थरबिटिया के बीच बड़ी रेल लाइन बिछाने के लिए मिट्टी डालने का काम चल रहा है. अमान परिवर्तन कार्य मंथर गति से चल रहा है. मालूम हो कि बीते 25 दिसंबर से रेलवे द्वारा सहरसा-थरबिटिया रेलखंड पर अमान परिवर्तन के लिए लिए किये गये मेंगा ब्लॉक के बाद अगले दिन से ही […]

सहरसा : से थरबिटिया के बीच बड़ी रेल लाइन बिछाने के लिए मिट्टी डालने का काम चल रहा है. अमान परिवर्तन कार्य मंथर गति से चल रहा है. मालूम हो कि बीते 25 दिसंबर से रेलवे द्वारा सहरसा-थरबिटिया रेलखंड पर अमान परिवर्तन के लिए लिए किये गये मेंगा ब्लॉक के बाद अगले दिन से ही रेलवे के निर्माण विभाग के निर्देश पर संवेदक ने कार्य शुरू कर दिया था.

लोगों ने कहा कि पहले ही कई साल तक रेलखंड पर बाढ़ के कारण ट्रेन बंद थी. अब रेलवे जल्द से रेलखंड पर अमान परिवर्तन का कार्य पूरा कराये. ताकि मार्च से ट्रेन की सीटी सुनाई दे सके. रेलवे लाइन बिछाने का कार्य बेगूसराय की जेके कंपनी व तीन नये प्लेटफॉर्म बनाने का जिम्मा जानकीनगर के रवींद्र सिंह को दिया गया है.

रेलवे के निर्देश पर जानकीनगर के संवेदक रवींद्र सिंह ने तीन प्लेटफॉर्म निर्माण के लिए कार्य शुरू कर दिया है. तीन नंबर प्लेटफॉर्म के बगल मेंं कोपीन का कार्य के बाद मिट्टी भरायी और जोड़ाई का कार्य शुरू कर दिया गया. वही पटरी बिछाने के लिये भी रेलखंड पर मिट्टी कार्य शुरू कर दिया गया है. सुपौल तक बड़ी लाइन की पटरी बिछाये जाने के बाद ही किसी ट्रेन का परिचालन इस रेलखंड पर संभव है. आमान परिवर्तन के बाद यात्री सुविधा मेंं काफी वृद्धि होगी.
कारोबारियों को दिल्ली, अमृतसर, कोलकाता, पटना आदि जगहों से सामान मंगवाने में होती है परेशानी
जल्द हो अमान परिवर्तन कार्य, लोगों को हो रही है परेशानी
कारोबारियों को दिल्ली, अमृतसर, कोलकाता, पटना आदि जगहों से सामान मंगवाने में होती है परेशानी
जल्द हो अमान परिवर्तन कार्य, लोगों को हो रही है परेशानी
हो रही परेशानी
मेगा ब्लॉक से पूर्व रेलखंड पर छह जोड़ी ट्रेनें चलती थी, जिससे यात्री सुपौल व थरबिटिया तक यात्रा करते थे. हालांकि यात्रा आसान नहीं थी. बावजूद वर्तमान मेंं हो रही परेशानी से लोगों को कुछ आसानी जरूर होती थी. सहरसा-सुपौल-थरबिटिया के बीच 37 किमी बड़ी रेल लाइन के विस्तार होने के बाद अब कोसी प्रमंडल मेंं छोटी रेल लाइन व मीटरगेज पर दौड़ने वाली ट्रेन इतिहास के पन्नों मेंं सिमट कर रह गयी है. अमान परिवर्तन के बाद कोसी के पूरे इलाके मेंं बड़ी रेल लाइन का साम्राज्य स्थापित हो जायेगा. वर्तमान मेंं लोगो को बस सेवा का उपयोग करना पड़ रहा है. मालूम हो कि सहरसा मेंं जनप्रतिनिधियों की पहल पर 2005 मेंं बड़ी रेल लाइन का विस्तार हुआ था. उसी समय सहरसा-फारबिसगंज के आमान परिवर्तन की बात कही गयी थी. इस बीच सहरसा-पूर्णिया के बीच बड़ी रेल लाइन का विस्तार हुआ. फिलहाल फारबिसगंज से थरबिटिया के बीच आमान परिवर्तन कार्य भी प्रगति पर है. सहरसा-थरबिटिया के बीच बड़ी रेललाइन के बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू होने से यह क्षेत्र सामरिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से संपन्न हो जायेगा.
राजस्व में सहरसा नंबर एक पर िसमरी बख्तियारपुर दूसरे नंबर पर
रेलखंड मेंं सहरसा के बाद सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला स्टेशन सिमरी बख्तियारपुर पर आजादी के इतने वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं का खासा अभाव है. सालाना रेलवे को करोड़ों का राजस्व देने मेंं बावजूद यह मूलभूत सुविधा से वंचित है. स्टेशन पर यात्री शेड, प्लेटफॉर्म, पानी, बिजली सहित मुलभूत सुविधा के अभाव के बीच यात्री ट्रेन पकड़ने को मजबूर हैं. बी ग्रेड दर्जा वाले इस स्टेशन को पे एंड यूज शौचालय, प्रथम श्रेणी का वेटिंग रूम, पानी टंकी, आयरन मुक्त पेयजल, पार्किंग,यात्री शेड, बैठने का बेंच, टीटीई रूम, पर्याप्त मात्रा मेंं टिकट काउंटर और फुट ओवर ब्रिज की सुविधा मिलनी चाहिए थी. लेकिन इन सुविधाओं के पूरी होने की बात तो दूर प्लेटफॉर्म ऊंचीकरण के कार्य की घोषणा होने के बाद भी कार्य की रफ्तार इतनी सुस्त है कि ये कब पूरी होगी कहना मुश्किल है. रेलवे को सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन से प्राप्त होने वाले राजस्व की बात करें तो वर्ष 2010-11 में तीन करोड़ 47 लाख पैतालीस हजार 829 रुपये प्राप्त हुए. 2011-12 में तीन करोड़ 68 लाख 90 हजार 54 रुपये, 2012-13 में चार करोड़ 66 लाख 89 हजार 14 रुपये एवं 2013-14 में 6 करोड़ 17 लाख 97 हजार 63 रुपये प्राप्त की प्राप्ति हुई. वहीं जानकारी मुताबिक 2011-12 के यात्री आय के आधार पर सिमरी बख्तियारपुर को बी ग्रेड का दर्जा प्राप्त है. यात्री शकील अहमद, कुमोद सिंह आनंद, डेरिंग मोनू, हसनैन मोहसिन, इरशाद, मो आसिफ इकबाल, गोपाल केशरी, अमरजीत केशरी, दीपक कुमार, पंकज कुमार भगत, सोहेल असरफ, रतन भगत, सोहन साह, मो रेहान रजा, नदीम अहमद, महबूब आलम व अन्य बताते हैं कि सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन द्वारा हर वर्ष करोड़ों का राजस्व देने के बावजूद यहां के यात्रियों को सुविधाओं के नाम पर हमेशा शून्य ही प्राप्त होता है. स्टेशन पर स्थित शौचालय हमेंशा बंद रहता हैं, चापाकल भी खराब रहने के कारण पेयजल जैसी सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ता है. इसलिए रेल विभाग बुलेट ट्रेन की स्वप्न दिखाने के बजाय स्टेशन की मुलभूत सुविधाओं पर ध्यान दे तो बेहतर होगा. वर्तमान में यहां न तो मालगोदाम है और ना पार्सल की सुविधा सिमरी बख्तियारपुर को उपलब्ध है.
कहते हैं जानकार : जब तक पांच िमनट तक नहीं रुकेंगी एक्सप्रेस ट्रेनें, पार्सल सुविधा नामुमकिन
राजस्व के िहसाब से स्टेशनों को उपलब्ध नहीं हैं सुविधाएं
अतिक्रमण व अवैध वेंडर से परेशानी
ए ग्रेड स्टेशन मेंं शामिल सहरसा जंकशन के लिए अतिक्रमण व अवैध वेंडर परेशानी का सबब बना हुआ है. स्टेशन के मुख्य द्वार से लेकर चारों और अतिक्रमणकारियों का साम्राज्य स्थापित है. ऐसी बात नहीं है कि इन अतिक्रमणकारियों व अवैध वेंडरों के विरूद्ध रेल प्रशासन कार्रवाई नहीं करती है. सख्त व कारगर कार्रवाई नहीं होने के कारण कार्रवाई के कुछ दिनों बाद फिर से यह लोग अपना साम्राज्य स्थापित कर लेते हैं. हालांकि वरीय अधिकारी के आगमन के समय ये नजर नहीं आते हैं. लेकिन अधिकारियों के जाने के दो चार घंटे के बाद ही पुराना नजारा फिर से बन जाता है. खासकर प्रवेश व निकास द्वार पर अतिक्रमण के कारण वाहनों के प्रवेश व निकास मेंं काफी परेशानी होती है.

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