लापरवाही. िगर सकता है एसीएमओ कार्यालय भवन
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फाइल में काम-काज सांसत में जिंदगी
लापरवाही. िगर सकता है एसीएमओ कार्यालय भवन एसीएमअो कार्यालय भवन जर्जर हो चुका है. यहां कभी भी हादसा हो सकता है. इसमें चलने वाला मातृ शिशु केंद्र दूसरी जगह शिफ्ट हो चुका है. लेकिन फिलहाल कर्मियों को यहां काम निबटाने में परेशानी हो रही है. एक भय बना रहता है. इसे दूसरी जगह शिफ्ट करने […]
एसीएमअो कार्यालय भवन जर्जर हो चुका है. यहां कभी भी हादसा हो सकता है. इसमें चलने वाला मातृ शिशु केंद्र दूसरी जगह शिफ्ट हो चुका है. लेकिन फिलहाल कर्मियों को यहां काम निबटाने में परेशानी हो रही है. एक भय बना रहता है. इसे दूसरी जगह शिफ्ट करने या नये भवन में ले जाने की जरूरत है.
सहरसा : सदर अस्पताल परिसर के पश्चिमी भाग में स्थित अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का कार्यालय किसी उद्धारक की बाट जोह रहा है. स्थिति इतनी भयावह है कि कब कौन सी अनहोनी हो जाये, कहना मुश्किल है. कार्यालय में काम करने वाले कर्मी एक तरफ फाइल निबटाने में रहते हैं, तो वहीं उन्हें अपनी जिंदगी के लिये चिंता रहती है. उन्हें हमेशा भय रहता है कि कही कोई छत का चट्टा या दीवार उनके शरीर पर न गिर जाये. कार्यालय कर्मी भय के कारण कार्यालय के अंदर कम और परिसर में ज्यादा अपने आप को सुरक्षित मानते हैं. बावजूद अभी तक किसी वरीय अधिकारी की नजर नहीं गयी है.
आउटडेटेड भवन में चल रहा काम
एमसीएच को किया गया शिफ्ट
बदहाल भवन के कारण सिविल सर्जन के निर्देश पर भवन में संचालित मातृ शिशु केंद्र को बगल में ओपीडी भवन के कमरा नंबर पांच में कुछ दिन पहले शिफ्ट कर दिया गया है. मालूम हो कि इसी भवन में कुछ दिन पूर्व तक नवजात से लेकर पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को टीका लगाया जाता था. सीएस के जानकारी में बदहाल भवन की जानकारी आने के बाद उन्होंने उसे शिफ्ट कराने का निर्देश दिया. एमसीएच को तो शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन कर्मियों के जान पर अभी भी अनहोनी की आशंका मंडरा रही है. कब कौन सा अनहोनी हो जाय कहना मुश्किल है.
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