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लो वोल्टेज के कारण पंखे चलते नहीं हैं, बल्कि डोलते हैं

भीषण गर्मी में बिजली की आंख मिचौनी से लोग परेशान, विभाग लापरवाह कई माह पूर्व पोल गाड़ कर छोड़ दिया, नहीं हुआ आगे का काम सहरसा : गर्मी का मौसम शुरू होते ही बिजली ने भी आंख मिचौनी शुरू कर दी है. कब बिजली आती है और कब जाती है कहना मुश्किल हो गया है. […]

भीषण गर्मी में बिजली की आंख मिचौनी से लोग परेशान, विभाग लापरवाह

कई माह पूर्व पोल गाड़ कर छोड़ दिया, नहीं हुआ आगे का काम
सहरसा : गर्मी का मौसम शुरू होते ही बिजली ने भी आंख मिचौनी शुरू कर दी है. कब बिजली आती है और कब जाती है कहना मुश्किल हो गया है. रही सही कसर लो वोल्टेज की समस्या पूरी कर देती है. लोगों को पंखा देख कर गर्मी से राहत मिलने का अहसास करना मजबूरी बनी हुई है. वहीं बिजली विभाग के संवेदक भी इस भीषण गर्मी में ही मेंटेनेंस कार्य के नाम पर कई घंटों तक आपूर्ति को बाधित कर रहे हैं. गर्मी शुरू होते ही लोगों की परेशानी जहां बढ़ रही है. वहीं विभाग लापरवाह बना हुआ है.
हल्की सी हवा के बाद घंटों गुल रहती है बिजली: विभाग की स्थिति यह है कि हल्की सी हवा चलने के बाद आपूर्ति को बाधित कर दिया जाता है. इसके बाद घंटों बिजली गुल रहती है. उपभोक्ता ससमय बिजली बिल का भुगतान नहीं करे तो कार्रवाई, लेकिन विभाग यदि कार्य समय पर नहीं करे तो उसे पूछने वाला कोई नहीं होता है. कई माह पूर्व शहर के विभिन्न जगहों पर जर्जर तार व बांस बल्ला से बिजली प्रवाहित तार को हटाने के उद्देश्य से दर्जनों पोल गाड़ा गया.
पोल गाड़ने के बाद विभाग चैन की नींद ले रहा है. उन्हें उपभोक्ताओं की परेशानी से कोई लेना देना नहीं है. शहर के बटराहा मोहल्ला में भी कई माह पूर्व कहरा ब्लॉक रोड से मोहल्ला तक पोल लगाया गया, जो अब हाथी का दांत साबित हो रहा है. पोल गाड़ने के बाद उस पर तार ले जाना तक मुनासिब नहीं समझा है. उपभोक्ता जर्जर तार के कारण हमेशा लो वोल्टेज की समस्या से इस भीषण गर्मी को झेलने को मजबूर हैं.
लगाना था ट्रांसफाॅर्मर: बटराहा के वार्ड नंबर 23 के दक्षिणी भाग में विभाग का कवर्ड वायर के साथ एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाना था. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद अधूरा कार्य पूरा नहीं हुआ है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पोल गाड़ते समय संवेदक ने जल्द ही कार्य पूरा कर नये ट्रांसफार्मर से आपूर्ति बहाल करने की बात कही थी. लेकिन ट्रांसफार्मर तो दूर की बात है. कवर्ड वायर तक नहीं लगा है. लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते कहा कि यदि अविलंब कवर्ड वायर व ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया, तो आंदोलन किया जायेगा.
लो वोल्टेज के कारण मोटर से नहीं निकलता है पानी: ट्रांसफार्मर व कवर्ड वायर लगने से आम उपभोक्ताओं को समस्या से निजात मिलेगी. स्थानीय उपभोक्ताओं ने कहा कि ठंड में तो किसी तरह समय कट जाता है, लेकिन गर्मी में पंखा चलता नहीं डोलता है. वहीं मोटर से पानी नहीं निकलता है. खासकर लो वोल्टेज से बच्चों को परेशानी होती है.
सिरदर्द, खांसी व बुखार से पीड़ित हो रहे हैं लोग
बढ़ती गर्मी ने लोगों खासकर छोटे बच्चों की परेशानी बढ़ा दी है. तेज धूप के कारण लोग जहां लू की चपेट में आ रहे हैं, वहीं हर पल बदलता मौसम बच्चों के लिए नयी बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है. बच्चे ही नहीं बल्कि बूढ़े सहित हर उम्र के लोग अलग-अलग प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. मौसम के मिजाज में आ रही गर्मी के कारण वायरस इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है. इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं. चिकित्सक डॉ अर्चना स्नेहा ने कहा कि इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है. बच्चों को समय-समय पर पानी पिलाते रहना चाहिए. मच्छरों के बढ़ते प्रकोप व उनके काटने से मलेरिया सहित कई बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं. खास कर बच्चों को मच्छरों के प्रकोप से बचाने की जरूरत है. इसलिए मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए.
बरतनी होगी सावधानी: बच्चे सहित हर उम्र के लोग इन दिनों विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. चिकित्सक डॉ अभिषेक कुणाल ने कहा कि लोगों को इन बीमारियों से बचने के लिए सावधानियां बरतनी होगी. धूप में निकलते समय छाता और अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने वाला चश्मा जरूर पहनना चाहिए. घर से बाहर खाली पेट नहीं निकलना चाहिए. हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए. घर से बाहर निकलने से पहले यदि संभव हो तो इलेक्ट्रॉल पाउडर या पेट भर पानी जरूर पीना चाहिए. इस मौसम में खाने में रसदार फलों व हल्के और सुपाच्य भोजन करना चाहिए. ज्यादा तेल व मसालेदार खाने से परहेज करें. यदि कोई लू की चपेट में आ जाता है तो उसके तलवे व शरीर पर कच्चे आम को पका कर घिसने से फायदा होता है. उसके बाद मरीज को तुरंत डाक्टर के पास ले जाना चाहिए. लू के शिकार व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इसलिए मरीज को इलेक्ट्राल पाउडर मिला कर प्रचुर मात्रा में पानी देना चाहिए. महिलाओं को भी घरों से बाहर निकलते वक्त छाता के अलावा एस्टाल का प्रयोग करना चाहिए. इसका प्रयोग करने से चेहरे की नमी बरकरार रहती है. इसके अलावा गर्म हवा से भी स्कीन का बचाव होता है. चिकित्सक ने बताया कि गर्मी से बचाव के लिए धूप में छाता लेकर निकलें, खाली पेट बाहर नहीं निकलें, तेल-मसाले युक्त भोजन से परहेज करें, हल्के रंग के कपड़े पहने, समय-समय पर पानी पीते रहें.
कोल्डड्रिंक्स, लस्सी, गन्ने का रस व तरबूज भी पीछे नहीं
पारा में एकाएक उछाल आने व मौसम में बढ़ती तपिश के कारण कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही हैं. शहर के सभी शीतल पेय और आइसक्रीम की दुकानों पर बच्चे, युवा सहित बुजुर्गों की भीड़ लगी रहती है. शाम के वक्त मौसम में थोड़ी नमी आते ही इन पार्लरों पर लोगों की चहलकदमी तेज हो जाती है. हॉस्पिटल गेट के पास कोल्ड ड्रिंक्स व आइसक्रीम के विक्रेता मंजीत सिंह ने बताया कि सुबह और शाम के अलावे अब दिन में भी दुकान खोलने का फायदा मिल रहा है. चॉकलेट, स्ट्राबेरी, बैनीला, पिस्ता, मैंगो, एपल व बनाना फ्लेवर में उपलब्ध आइसक्रीम की जबरदस्त मांग है. गर्मी के दस्तक देते ही चौराहों पर अस्थायी रूप से लस्सी की दर्जनों दुकानें खुल गयी हैं. बाजार में दही से बनी लस्सी की धूम मची है और इसे पीकर लोग एक साथ भूख, प्यास व गर्मी दूर भगाने में लगे हैं. हर चौक-चौराहों पर गन्ना का रस निकालते दुकानदार व उसे पीकर शीतलता का अनुभव करते लोग नजर आ जाते हैं. पांच रुपये प्रति गिलास मिलने के कारण लोगों में इसकी काफी डिमांड है. इसके अलावे जगह-जगह बेल के शरबत भी बिकने लगे हैं.

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