सहरसा : शहर के बीचोंबीच स्थित डीबी रोड में गुरुवार को बिजली करंट से हुई चार मौत के बाद विभाग की नींद खुली. मुख्यमंत्री के आदेश पर शुक्रवार को विभाग के मुख्य अभियंता एसएसपी श्रीवास्तव, निदेशक एसकेपी सिंह व एसटीएफ हेड साजिद अली सहित अन्य अधिकारी ने सहरसा पहुंच मामले की तहकीकात की.
अधिकारियों ने मत्स्यगंधा रोड स्थित पावर सब स्टेशन पहुंच मामले की गहन छानबीन शुरू कर दी. बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों के औचक निरीक्षण से स्थानीय अधिकारी व कर्मियों के चेहरे पर कार्रवाई का भय स्पष्ट दिख रहा था. जांच टीम द्वारा बीते ने एक जनवरी से लेकर गुरुवार तक ड्यूटी पर तैनात कर्मियों से बंद कमरे में घंटों पूछताछ की. ज्ञात हो कि नव वर्ष की पहली तारीख से ही चिराग गायब था. मीडिया कर्मियों को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी. लेकिन अधिकारियों के तेज स्वर बाहर भी सुने जा रहे थे. जांच टीम में शामिल विभाग के अधिकारियों द्वारा कई कर्मियों व अधिकारियों की जम कर क्लास ली गयी.
जांच टीम द्वारा सब स्टेशन के अंदर लगे टर्मिनल व सर्किट की भी गहन छानबीन की गयी. इसके अलावा ड्यूटी पंजी, ट्रिप रजिस्ट्रर का भी लेखाजोखा लिया गया. अधिकारी द्वारा जांच में एक जनवरी को घटना के दिन रेलवे लाइन ट्रिप किये जाने की भी जानकारी ली गयी. अधिकारियों ने कहा कि वे घटनास्थल व अन्य जगहों का भी निरीक्षण करेंगे. देर शाम तक मृतक बच्चे के परिजन भी जांच टीम के आने का इंतजार कर रहे थे. अचानक जांच टीम के आने की सूचना पर विभाग के अधिकारी व कर्मी काफी परेशान रहे. अधिकारियों ने कहा कि जांच रिपोर्ट मुख्यालय को समर्पित किया जायेगा. जानकारी के अनुसार,
चार सदस्यीय टीम ने एक जनवरी से लेकर चार जनवरी तक के कर्तव्य पर तैनात एसडीओ, जेइ, लाइनमैन, मिस्त्री से भी आवश्यक पूछताछ की और सभी रिकार्डो को खंगाला है. मौके पर कार्यपालक अभियंता मुकेश नंदन सहित अन्य मौजूद थे. इसके अलावा जांच के दौरान स्थानीय कार्यालय के कर्मियों को भी जांच से बाहर रखा गया था. जांच के दौरान अधिकारी कर्मियों को एक-एक कर कमरे के अंदर बुलाते रहे. ज्ञात हो कि विकास समीक्षा यात्रा के सुपौल प्रवास के दौरान अखबार में घटना की खबर देखने के बाद सीएम ने विभाग के प्रधान सचिव को जांच के आदेश दिये थे.