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Friday, March 29, 2024

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RLSP JDU Merger: बिहार में फिर से ‘लव-कुश’ की जोड़ी, जानिए- उपेंद्र कुशवाहा के सियासी सफर के बारे में

RLSP JDU Merger: कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खास सहयोगी से विरोध की राजनीति में उतरने वाले उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) एक बार फिर से उनके साथ एक मंच पर आ गए हैं. रविवार को कुशवाहा की पार्टी का विलय जदयू (JDU) में हो गया. सीएम नीतीश की मौजूदगी में उपेंद्र कुशवाहा और रालोसपा (RLSP) के अन्य नेताओं ने जदयू (JDU) की सदस्यता ग्रहण की.

RLSP JDU Merger: कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खास सहयोगी से विरोध की राजनीति में उतरने वाले उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) एक बार फिर से उनके साथ एक मंच पर आ गए हैं. रविवार को कुशवाहा की पार्टी का विलय जदयू (JDU) में हो गया. सीएम नीतीश की मौजूदगी में उपेंद्र कुशवाहा और रालोसपा (RLSP) के अन्य नेताओं ने जदयू (JDU) की सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर सीएम नीतीश (Nitish kumar) ने कुशवाहा को पुराना दोस्त बताया और पार्टी में खुले दिल से स्वागत करते हुए कहा कि ये अच्छी बात है कि वो साथ में आ गए हैं. अब हम मिलजुलकर पार्टी और बिहार को आगे बढ़ाएंगे.

इसी मौके पर उपेंद्र कुशवाहा को जदयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया. गौरतलब है कि 3 मार्च 2013 को राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी की नींव रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी का विलय जदयू में कर दिया है. लगभग आठ साल बाद कुशवाहा की रालसोपा का सफर खत्म हो चुका है.

बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा बिहार की सियासत में पिछले चार दशकों से सक्रिय हैं. कभी नीतीश कुमार के सबसे खासम खास रहे. लेकिन बाद में दुश्मनी भी हुई, अब तीसरी बार जदयू में वापसी हो गई है.यहां बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार की जोड़ी बिहार में लव-कुश की जोड़ी के नाम से मशहूर है. एक कुर्मी समुदाय से आते हैं तो दूसरे कुशवाहा समाज से. इस ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए ही रालोसपा का जदयू में विलय हुआ है.

Upendra Kushwaha: उपेंद्र कुशवाहा का सियासी सफर

  • 1985 से 1988 तक लोक दल के महासचिव, फिर इसी पार्टी में 1993 तक राष्ट्रीय महासचिव रहे

  • 1995 वैशाली के जंदाहा से विधानसभा चुनाव लड़े और हारे.

  • 2000 में पहली बार जंदाहा से ही विधायक बने.

  • 2004 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने मगर फरवरी 2005 का चुनाव जनता से हार गए.

  • अक्टूबर 2005 का चुनाव समस्तीपुर के दलसिंगसराय से हारे.

  • 2008 में नीतीश कुमार से अलग होकर एनसीपी में शामिल हुए और प्रदेश अध्यक्ष बने.

  • 2009 राष्ट्रीय समता पार्टी का गठन किया. उसी साल उसे जदयू में विलय कर देते हैं. इसी साल नीतीश कुमार ने राज्यसभा भेजा.

  • 2012 में नीतीश कुमार से विवाद के बाद राज्यसभा के साथ पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया.

  • 2013 में उपेंद्र कुशवाहा ने रालोसपा नाम से नई पार्टी बनाई.

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए में शामिल हो गए और 3 सीटों पर चुनाव लड़े, तीनों पर जीत मिली.कुशवाहा ने खुद काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली और शिक्षा राज्यमंत्री बनाए गए.

  • 2015 विधानसभा चुनाव में केवल एनडीए के तहत दो ही सीट पर जीत मिल सकी.

  • 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ हो गए. दो सीट पर लड़े और हार गए

  • 2020 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से भी अलग हो गए और नया मोर्चा बना लिया. मगर एक भी सीट पर जीत नहीं मिली.

  • 14 मार्च 2021 को आरएलएसपी का तीसरी बार जेडीयू में विलय हो गया.

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Posted By: Utpal Kant

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